राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित करने वाले काला कानून-पत्र को वापस लेने की मांग
उरई (जालौन), 21 जनवरी: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश शखा जनपद जालौन के द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर गुरुवार को जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित परिषदीय बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगों और मौलिक समस्याओं को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र देकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
उत्तर प्रदेश के द्वारा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से संबंधित समस्याओं को समय-समय पर विभागीय अधिकारियों के समक्ष रखा गया है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा समस्याओं और मांगों पर विचार- विमर्श के उपरांत भी समग्रता से अभी तक लागू नहीं किया गया है।
मांगों के संबंध में जिला महामंत्री इलयास मंसूरी ने बताया कि, महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के द्वारा 8 जनवरी 2021 को जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित किये गये हैं, जिनका शिक्षकों से सीधा संबंध नही होने के बाद भी अंक निर्धारण करना शिक्षकों का शोषण होने के अलावा कुछ नहीं है। इस काला कानून पत्र को वापस किया जाये।
प्रदेशीय मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि ज्ञापन में कहा उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को भी उत्तराखंड राज्य की भांति राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने, प्रत्येक विद्यालय में प्रधान अध्यापक पदों पर पदोन्नति पूर्व में सृजित पदों के आधार की मांग की गयी है।
जिला संगठन मंत्री तनवीर अहमद ने बताया कि ज्ञापन में जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को शैक्षिक सत्र 2020- 21 से पूर्व संपन्न किये जाने, प्रत्येक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को रुपये दस लाख का स्वास्थ्य बीमा और विभिन्न दुर्घटनाओं के कारण आकस्मिक निधन की स्थिति में शिक्षकों को रुपए 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर देने की मांग की गयी है।
जिला कोषाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि ज्ञापन में शिक्षक की असामयिक मृत्यु की दशा में बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली अनुकंपा आधार पर नियुक्ति में शिक्षक पद की वांछित योग्यता ना होने की स्थिति में तृतीय श्रेणी कर्मचारी की योग्यता रखने वाले आश्रितों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से लिपिक पद पर किए जाने, बेसिक शिक्षकों को बर्खास्त किए जाने का अधिकार माध्यमिक शिक्षा विभाग की भांति बीएसए से उच्च अधिकारी ए०डी० बेसिक अथवा अन्य किसी उच्चाधिकारी में निहित किया जाए।
जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष राज देवर ने बताया कि ज्ञापन में पदोन्नति होने पर क्रमशः 17140 एवं 18150 का लाभ केंद्र से जारी नोटिफिकेशन 28 सितंबर 2018 के अनुक्रम में शासनादेश जारी किये जाने, विद्यालयों की सुरक्षा के लिए एक चौकीदार की शीघ्र नियुक्ति किये जाने की पूर्व में की गयी मांग को शीघ्र पूरा करने की मांग की गयी है।
ज्ञापन देने वालों में जिला संयुक्त महामंत्री अरविन्द स्वर्णकार, एडेड संवर्ग के जिलाध्यक्ष उपेन्द्र शर्मा, संजीव गुर्जर, सलिल कान्त श्रीवास, विकास कुमार सिंह, अयूब खान, सीमा सिंह, रमाकान्त व्यास, मनोज बाथम, अजहर अंसारी, सरला कुशवाहा, राजा सिंह यादव, इनाम उल्ला अन्सारी, रामजी नायक, राजेन्द्र सिंह यादव, , अशोक सिंह राजावत, अखिलेश कुमार खरे, वेद व्यास, महेन्द्र श्रीवास्तव, ऋषि बुधौलिया, रियायत बेग, हरीमोहन यादव, शक्ति सिंह, जमीपाल सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, कृष्णगोपाल सिंह, अखिलेश कुमार, सुनील निरंजन, आशीष कुमार, विजय तिवारी, संतोष विश्वकर्मा, अरविन्द निरंजन, हिमांशु पुरवार, कल्पना बाजपेयी, विनय मिश्रा, पंकज झा, राघवेन्द्र शर्मा, बृजभूषण तिवारी, जीतेन्द्र यादव, अनुज भदौरिया, रविकांत शर्मा, राजेश गोस्वामी, अम्बरीश सिंह, बद्री प्रसाद झा, उमेश कुमार, राजेन्द्र स्वर्णकार मौजूद रहे।
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