राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा समाधान सम्बंधी क्लाउड आधारित वेब सुगमता के लिए नवोन्मेष चुनौती पर अभिनंदन समारोह का आयोजन: इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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नई दिल्ली (PIB): इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने समाधान सम्बंधी क्लाउड आधारित वेब सुगमता के लिए नवोन्मेष चुनौती पर अभिनंदन समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन डिजिटल इंडिया पहल के तहत किया गया।
कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल सम्मिलित हुये। उनके अलावा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी अपर सचिव श्री अमित अग्रवाल, एनआईसी के महानिदेशक श्री राजेश गेरा और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल तथा एनआईसी की उप महानिदेशक श्रीमती अलका मिश्रा भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम में मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सलाहकार, निर्णायक मंडल के सदस्य, प्रतिभागी स्टार्ट-अप्स तथा उद्योगों के हितधारकों ने हिस्सा लिया।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने कहा कि स्टार्ट-अप्स के युवा दलों द्वारा उदीयमान प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों की लगन व प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि इस तरह की नवोन्मेषी चुनौतियां दिव्यांगजनों के लिये स्वदेशी डिजिटल उपकरणों और समाधानों के विकास में सहायक होंगी।
उन्होंने कहा कि, इन चुनौतियों से स्वदेशी स्तर पर बौद्धिक सम्पदा के आधार पर पूरे विश्व पर अपना प्रभाव डालने में भारत की मदद होगी, जो आगे चलकर विशाल व निरंतर बढ़ते बाजार को लाभ देंगी।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा के साथ अनुकरणीय व नवोन्मेषी प्रयासों के लिये विजेताओं का अभिनंदन किया तथा चयनित स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित किया।
जानी-मानी हस्तियों वाले एक चयन समिति ने पांच स्टार्ट-अप्स को चुना था। यह चयन उन स्टार्ट-अप्स के नवोन्मेषी विचारों के आधार पर किया गया। इसके लिये चुनौतियों के कई स्तर निर्धारित किये गये थे, जिनसे गुजरने के बाद अंत में निर्णायक मंडल ने विजेता का चयन किया।
विचार स्तर पर पांच टीमों को छांटा गया था, जिन्हें न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (एमवीपी) का तथा दो टीमों को कार्यात्मक उत्पाद निर्मित करने के लिये छांटा गया था।
सूचीबद्ध टीमें इस प्रकार हैं:
- सुमाटाक टेक्नोलॉजीस एलएलपी
- यूआईएआई टेक्नोलॉजीस एलएलपी
- एसएआईवी बिजनेस सॉल्यूशंस प्रा.लि.
- आईएसटीईएम प्रा.लि.
- इंस्टेंट प्रिंटर्स एंड स्कैनर्स प्रा.लि.
स्टार्ट-अप इको-प्रणाली को प्रोत्साहित करने की भावना के तहत निर्णायक मंडल ने उपविजेता को इस बात की अनुमति देना तय किया कि वह छह महीने के भीतर अपने समाधान को परिष्कृत करे और उसे दोबारा विचार के लिये प्रस्तुत करे।
यह प्रतिस्पर्धा सुगम्य भारत अभियान के अनुरूप थी। यह देशव्यापी अभियान है, जो दिव्यांगजनों के लिये सार्वभौमिक सुगमता के क्षेत्र में काम करता है।
विवरण को यहां देखा जा सकता हैः https://guidelines.india.gov.in.
सुमाटाक टेक्नोलॉजीज एलएलपी इस नवोन्मेषी चुनौती की विजेता है। इस टीम ने सुगम्य वेब का विकास किया, जो सरकारी निकायों को इस शक्तिसम्पन्न बनाता है कि वे परीक्षण और प्रतिवेदन के जरिये अपनी वेब उपस्थिति की सुगमता स्थिति की पड़ताल कर सकें। समाधान अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय मानकों पर आधारित है, जैसे जीआईजीडब्लू। इससे वेबसाइट की वास्तविक सुगमता का सही पता चलता है। जब भी वेब-पेज पर सुगमता सम्बंधी दिक्कत आती है, तो इसके जरिये कोड सम्बंधी सटीक जानकारी मिल जाती है।
सुगम्य वेब ये सिफारिशें भी साझा करता है कि सुगमता दिक्कतों का पता लगाकर कैसे उन्हें दुरुस्त किया जाये। यह सभी सरकारी वेबसाइटों और मोबाइल एप्प की सुगमता सम्बंधी स्थिति की तुलना भी करता है। प्रतिवेदन तक सुगमता की तेजी और सटीकता को भी कृत्रिम बौद्धिकता तथा मशीन लर्निंग से बढ़ाने में मदद मिलती है।
अतः यह एक शक्तिशाली समाधान है, जिसका लक्ष्य है सभी जन निकायों को शक्तिसम्पन्न बनाना, ताकि वे सभी लोगों को निर्बाध डिजिटल अनुभव प्रदान करने के लिये मिलकर काम कर सकें।
वेब सुगमता प्रतिवेदन समाधान को नेक्सट-जेनरेशन एनआईसी नेशनल क्लाउड में इस्तेमाल किया गया है, जो एक तरह का सॉफ्टवेयर आधारित अवसंरचना है। समस्त सरकारी निकायों से सुगमता के लिये वेब सूचना प्रबंधकों और नोडल अधिकारियों को पंजीकरण कराना होगा, ताकि वे अपनी-अपनी वेबसाइटों की सुगमता स्थिति का पता लगा सकें। इससे सम्बंधित समाधान कोई प्रमाणीकरण उपकरण नहीं है, हालांकि प्रमाणित निकाय (जैसे एसटीक्यूसी) इस समाधान का इस्तेमाल करके प्रमाणीकरण प्रक्रिया के स्वचालित प्रतिवेदन का संचालन कर सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन एनआईसी की डीडीजी सुश्री अलका मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुये। उन्होंने कार्यक्रम को विशेष और यादगार बनाने के लिये सभी गणमान्यों को धन्यवाद दिया।
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