माननीय रेल और देश बेचू मंत्री जी, अभी भी कुछ शर्म बची हो तो कलकत्ता मेट्रो आदि का सौदर्यीकरण छोड़कर 'अप्रेन्टिसों' को रिक्त पदों पर नियुक्ति दो: एस. एन. श्रीवास्तव, महामंत्री- रेल सेवक संघ व अध्यक्ष -लोसपा (उत्तर प्रदेश)
लखनऊ: "रेल मंत्री, रेल अप्रेन्टिसों को नियुक्ति दो" की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए रेल सेवक संघ के महामंत्री व अध्यक्ष -लोसपा (उत्तर प्रदेश)- क्रन्तिकारी मजदूर नेता- एस. एन. श्रीवास्तव ने "रेलवे अप्रेंटिस को नियुक्ति देने और कुछ साथियों द्वारा ट्विटर पर रेल मंत्री से उनके कलकत्ता मेट्रो के आंतरिक सौंदर्य पर देश के गरीबों के धन की बर्बादी कर वर्ल्ड क्लास का बनाने के उत्तर में "#IndiaStandsWithRailApprentice रेल मंत्रालय अबकी बार सुनलो बेरोजगार #रेल_अप्रेंटिस की पुकार, इनका समायोजन कर भर दो झोली खुशियों से इस बार, बिना लोभ बिना लालच के करते रहेंगे आपकी जय जय कार, दे दो #Skilled_India को मोका इक बार, है रेल मंत्रालय सुन लो हम सब की पुकार!" पर गहरा दुःख व्यक्त किया।"
#IndiaStandsWithRailApprentice
— NRMU HQ DIVISION (@HqNrmu) October 18, 2020
रेल मंत्रालय अबकी बार सुनलो बेरोजगार #रेल_अप्रेंटिस की पुकार, इनका समायोजन कर भर दो झोली खुशियों से इस बार, बिना लोभ बिना लालच के करते रहेंगे आपकी जय जय कार, दे दो #Skilled_India को मोका इक बार, है रेल मंत्रालय सुन लो हम सब की पुकार!
रेल सेवक संघ के महामंत्री - एस. एन. श्रीवास्तव ने उपरोक्त ट्वीट का उत्तर देते हुए कहा कि, "भीख मांगने से कुछ नहीं मिलता है, निजीकरण के बिरुद्ध एक जुट होकर संघर्ष करो।", संघर्ष करने का आह्वाहन करते हुए एस. एन. श्रीवास्तव, महामंत्री - रेल सेवक संघ ने कहा कि, लालच छोड़कर एक जुटता और संघर्ष का ही एक रास्ता है जिससे सफलता मिल सकती है। यदि हम अभी भी नहीं जागे और मान्यताप्राप्त अर्थात सरकार की सुख-सुबिधा पर पलने वाली unions के सहारे रहे तो जल्द ही निजीकरण का दानव और आर्टिफिशल इंटेलीजेन्स का दानव सभी रोजगार खा जायेगा।
यदि आप सभी एक जुट हो जाएँ अथवा मान्यता प्राप्त unions और कैटेगरिकल ऐसोसिएशन्स मान्यता और सुख-सुविधा का लालच छोड़कर एक जुट हो जाएँ तो अभी भी निजीकरण के दानव को और रेल बेचू मंत्री को रोका जा सकता है तथा रेल मेन रिक्त लाखों कुशल कारीगरों के पद पर नियुक्ति ही नहीं बल्कि रेलवे को पूर्वत बेरोजगारों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा औद्योगिक संगठन बनाया जा सकता है।
एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि, 'रेल सेवक संघ' ही पूरे भारतीय रेल मे एक मात्र केवल उन ग्रुप -सी और डी कर्मचारियों का संगठन है जो इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947 में दिए गए "वर्कमैन" की परिभाषा में आता है तथा रेल सेवक संघ ने भारतीय रेल में अल्प समय में ही संघर्ष का नया कीर्तिमान "विश्व में पहली बार, 'रेल में भ्रष्टाचार की फोटो प्रदर्शनी' उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय पर लगाकर", स्थापित कर चुकी है।
एस. एन. श्रीवास्तव ने रेल मंत्री को माननीय रेल और देश बेचू मंत्री जी कहते हुए कहा कि, अभी भी कुछ शर्म बची हो तो कलकत्ता मेट्रो आदि का सौदर्यीकरण छोड़कर अप्रेन्टिसों / बेरोजगारों को रिक्त पदों पर रोजगार देकर रेल और देश का सौंदर्य बढ़ाओ, न कि गरीब देश के राजस्व / धन को बर्बाद करो। रेल सेवक संघ मांग करती है कि, राजस्व की बर्बादी छोड़कर रेलवे अप्रेंटिशों को कुशल कारीगरों के लाखो रिक्त पदों पर अविलम्ब नियुक्ति दो।
एस. एन. श्रीवास्तव ने आल इंडिया मेंस फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेलवे मेन तथा सभी मान्यताप्राप्त कैटेगरिकल असोसिअशन को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि, क्या अब वे रेल की अर्थी उठाने के बाद ही मान्यता का लालच छोड़ेंगे।
अंत में महामंत्री एस. एन. श्रीवास्तव ने रेलवे अप्रेंटिशों तथा आल इंडिया मेंस फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेलवे मेन तथा सभी मान्यताप्राप्त कैटेगरिकल असोसिअशन से एक जुट होकर निजीकरण के बिरुद्ध संघर्ष करने का आह्वाहन किया तथा कहा कि, "रेल बचेगा तो देश बचेगा"।
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