विशेष: 22 अप्रैल - पृथ्वी दिवस: नवनीत मिश्र
विशेष में प्रस्तुत है, पृथ्वी दिवस
प्रस्तुतकर्ता हैं- मगहर जनपद संत कबीर नगर से संवाददाता- नवनीत मिश्र
22 अप्रैल यानि आज पूरे विश्व में लॉकडाउन के बीच श्पृथ्वी दिवसश् मनाया जा रहा है। पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने 1970 में पूरे विश्व को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया था।
साल 1969 में कैलिफोर्निया में तेल रिसाव से भारी बर्बादी को देखने के बाद उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया। इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है। गत 2019 साल में पृथ्वी दिवस की थीम श्प्रोटेक्ट द स्पीशीजश् यानि संततियों को बचाएं है। इसके तहत पेड़.पौधों और जीव.जन्तुओं को मानवीय क्रिया.कलापों से होने वाले खतरों के बारे में आगाह कर उनकी सुरक्षा करना है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को एक बेहतर ग्रह बनाने के प्रति प्रतिबद्ध होने की जरूरत है। हमें जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।हमें प्रकृति के साथ सद्भाव को बढ़ावा देने और सतत विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए।
जबकि इस साल पृथ्वी दिवस की थीम ष्क्लाइमेट एक्शनष् है अर्थात जलवायु कार्रवाही है। जलवायु मे हो रहे लगातर परिवर्तन के कारण लाइफ सपोर्ट सिस्टम को खतरा उत्पन्न हो गया है। अर्थ डे ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार अभी वक्त है कि समूचा विश्व जलवायु संकट से निपटने के लिए एक साथ काम करें क्योंकि ऐसा न करने के कारण वर्तमान और भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए एक खतरनाक भविष्य तैयार हो रहा है। एक महासंकट कोरोना के रुप में दिख रहा है।
आज समूचा विश्व वातावरण के प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। वैज्ञानिक तरक्कीए आर्थिक विकास और बढती आबादी ने इसे प्रकृति और प्राकृतिक स्रोतों से वंचित करना शुरू कर दिया है। पानी की कमीए खेतीबाड़ी के मशीनीकरणए रसायनिक जहर का उपयोग व घटते जंगल विश्व के वातावरण पर बुरा प्रभाव डाला है।
पृथ्वी समूचे जीव जगत के जीवन की समस्त जरूरतों की पूर्ति का सामान अपनी कोख में संभालती आ रही है। हमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहते हुये धरती मां की संभाल करनी चाहिए व अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए व वर्तमान समय में लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए कम से कम एक पेड़ जरुर लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए।
(नवनीत मिश्र)
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