विशेष:असहिष्णु होता समाज: डॉ शंकर सुवन सिंह
विशेष में आज प्रस्तुत है, हैदराबाद में और समाज में आये दिन हो रहे बलात्कार, समाज और सिस्टम पर लेखक- डॉ शंकर सुवन सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर - प्रॉक्टर, डेरी - फ़ूड डिपार्टमेंट, सैम हिग्गिनबोटोम यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी - साइंसेज (शुएट्स), नैनी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की प्रस्तुति-
सत्य, अहिंसा विरोधी रथ पर सवार हो सत्ता के चरम शिखर पर पहुँचने वाले सुधारकों की मनोदशा ठीक नहीं है। सुधारकों की प्रवृत्ति ठीक होती तो देश में सत्य,अहिंसा का प्रवाह होता।
बलात्कारियों ने ले ली कितनो की जान?-
हुआ अव्यवस्थित सिस्टम का भयावह चरितार्थ, कौन होगा इसका जिम्मेदार?-
२७ नवंबर २०१९ को हैदराबाद के बाहरी इलाके शमसाबाद में 26 वर्षीय महिला डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। फिर उनके शरीर को पेट्रोल डाल कर जला दिया गया। जली हुई लाश मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। वारदात की सूचना मिलते ही जहाँ पुलिस सक्रिय रूप से मामले की जाँच में जुट गई, तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया यूजर्स भी प्रियंका रेड्डी (पशु चिकित्सक) के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
यह घटना समाज के बदलते स्वरुप, नेताओं के कोरे वादे, और इंसानियत के साथ खिलवाड़ का वीभत्स रूप दर्शाती है। समाज वहशीपन का शिकार हो रहा है। समाज में असहिष्णुता का विकास हो रहा है। समाज में बढ़ती बेरोजगारी, अशिक्षा, नैतिक मूल्यों का पतन आदि बुराइयां ही दरिंदगी और वहशीपन का कारण हैं।
सरकार को हायर एजुकेशन एप्राइमरी एजुकेशन एमिडिल एजुकेशन सिस्टम में नैतिक शिक्षा के विषय का प्रावधान करना चाहिए। भारत सरकार को प्रत्येक जिले के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंड, टोल प्लाजाएहाई वे आदि मुख्य जगहों पर नैतिक मूल्यों से सम्बंधित कोटेशन के बैनर और पोस्टर लगवाने चाहिए। "सच्ची मानवता तब जन्मेगी । जब दुनिया से कोहरा व कुहासा मिटेगा, जब दुनिया में प्रकाश बेरोकटोक आएगा, जब दुनिया से हबशीपन मिटेगा, जब उगता सूरज सारे अँधेरे को लील जाएगा, सारे तारों - सितारों को फीका कर देगा, शेर की गर्जन से हिरण जान बचाकर नहीं भागेंगे, शेर पर भरोसा होगा तब इस दुनिया से बुराई का अंधकार छट जाएगा।"
बलात्कार आए दिन हो रहे हैं। क्या बलात्कार की घटनाएं अनवरत शोध का विषय बनेगी?-
बलात्कारियों को तुरंत सजा का प्रावधान होना चाहिए तभी "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना सफल हो पाएगी। वरना यह योजना कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।
swatantrabharatnews.com