VIDEO: बड़ी खबर: ग्वालियर में आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस की 4 बोगियों में लगी भीषण आग, 37 डिप्टी कलेक्टर बाल-बाल बचे
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(Video: साभार- You Tube)
ग्वालियर, 21 मई: ग्वालियर में बिरला पुल के पास अचानक आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस की चार बोगियों में आग लगने से हड़कंप मच गया।
सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की 15 से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गईं।
एपी एक्सप्रेस दिल्ली से हैदराबाद के बीच चलती है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है।
आग कितनी भयंकर होगी इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यात्रियों का अंदर रखा सामान पूरी तरह जल गया। यहां तक की घटना में दो कोच भी पूरी तरह जल गए। उधर दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनें इससे प्रभावित हो गई हैं।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव जो रेल सेवक संघ के महामंत्री और रेलवे के रिटायर्ड इंजिनियर भी हैं, ने ग्वालियर में आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस की 4 बोगियों में लगी भीषण आग से आहत होकर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, रेल मंत्री, रेल राज्य मंत्री और प्रधान मंत्री जी से ट्वीट करके पूछा है कि, हज़ारों ट्रेनों के निरस्त होने और लेटलतीफी की तो छोड़िये, अब इसका जिम्मेदार किसको माना जाय
तथा
मांग कि है कि, दुर्घटना की जिम्मेदारी सर्वोच्च पद की तय की जाय तथा रेल के बुनियादी ढाँचे को दुरुस्त किया जाय.
[सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष(उ. प्र.)- लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी & महामंत्री- रेल सेवक संघ]
ज्ञातव्य हो कि, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और रेलवे कि यूनियन - रेल सेवक संघ बराबर मांग करते चले आ रहे हैं कि, नयी - नयी लोकलुभावन घोषणाओं और परियोजनाओं को प्रारम्भ करने के स्थान पर रेल के बुनियादी ढाँचे को दुरुस्त किया जाय परन्तु, रेल मंत्रालय इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे एक तरफ जहां रेलवे कर्मचारी विहीन होता जा रहा है, वहीँ रेल के बुनियादी ढाँचे को दुरुस्त नहीं करने से ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से नहीं चल पा रहा है और रेलवे में आज सुरक्षा, संरक्षा और समय पालन का कोई मतलब नहीं रह गया है.
श्री श्रीवास्तव ने कहा है कि, पिछले ३८ वर्षों से (वर्ष १९८० से) लगातार "रिटायर और पदोन्नति से रिक्त होने वाले रिक्त पदों पर भर्ती नहीं कर उनको समाप्त किया जा रहा है तथा हर हिस्से में ठेकेदारी लाई जा रही है, जिसका दुष्परिणाम आज सामने है. यदि रेल मंत्रालय अभी भी नहीं चेता तो और भी भयंकर परिणाम आने वाले हैं. इसलिए मैं रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष- लोहानी जी के साथ- साथ देश के प्रधानमन्त्री- श्री नरेंद्र मोदी जी से भी आग्रह करूंगा कि, रेल के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त किया जाय तथा रेल के अधोसंरचना के अनुपात में नियमानुसार लगभग २० लाख रेल कर्मचारियों कि भर्ती अविलम्ब किया जाय जिससे रोज़ लगभग दो- दो हज़ार ट्रेनों को निरस्त ना करना पड़े और रेल में संरक्षा, सुरक्षा और समयपालन के सिद्धांत को सुनिश्चित किया जा सके.