राजनाथ ने खाली किया सरकारी बंगला, कल्याण सिंह भी करेंगे; एनडी तिवारी को छोड़कर सभी एक्स सीएम ने रिसीव किया नोटिस
7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पूर्व सीएम अपना संरकारी बंगला खाली करें।
लखनऊ. २० मई: सुप्रीम कोर्ट के बाद आदेश और राज्य सरकार द्वारा निर्देश नोटिस दिए जाने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया है। वह यहां से गोमतीनगर के विपुलखंड स्थित अपने निजी आवास में शिफ्ट होंगे। इसके चलते आवास में सुरक्षा दीवार बनाने के साथ ही रंगाई पोताई का कार्य भी शुरू हो गया है। गृहमंत्री के बाद कल्याण सिंह भी रविवार शाम तक अपना बंगला खाली करने का निर्देश भेज दिया हैं। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ल का कहना हैं पूर्व सीएम एनडी तिवारी जी के यहां नोटिस नहीं रीसिव हुआ अन्य सभी पूर्व सीएम ने नोटिस रिसीव कर लिया है।
सुरक्षाकर्मियों के लिए हो रही अलग व्यवस्था
- गृहमंत्री के विपुलखंड 3/206 स्थित आवास पर शनिवार को मिस्त्री जहां गैरेज के गेट को तोड़कर सुरक्षाकर्मियों के रहने का इंतजाम करने में जुटे थे तो आवास में पर्दा, बेडशीट व बर्तन जैसे घरेलू सामानों की आवाजाही का क्रम चलता रहा।
- गृहमंत्री के निजी आवास में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि रविवार तक व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश गृहमंत्री की ओर से दिया गया है।
- सुरक्षा कर्मियों के रहने के लिए गैराज के गेट को तोड़कर उसे बंद किया जा रहा है। आवास में अतिरिक्त शौचालय बनाने के साथ ही सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाएंगे।
- मकान के मुख्य गेट के पास ही हाईटेंशन लाइन है, जिसका पोल पिछले कई महीनों से जर्जर हो चुका है।
- आसपास के लोगों ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन जर्जर पोल की दुरुस्त नहीं किया गया लेकिन उनको उम्मीद हैं अब यह सही हो जाएगा।
प्लाट के बगल गंदगी बिजली का तार का ख़तरा
- गृहमंत्री के निजी आवास में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि रविवार तक व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश गृहमंत्री की ओर से दिया गया है। बावजूद इसके नगर निगम और बिजली विभाग के अधिकारियों की नींद अभी तक नहीं टूटी है। आलम यह है कि आवास के बगल में खाली प्लॉट है, जहां गंदगी का अंबार लगा है तो मुख्य गेट के पास हाईटेंशन लाइन का पोल जर्जर है।
मुलायम ने शुरू की अपने लिए आवास की तलाश
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपने लिए आवास की तलाश शुरू कर दी है। चर्चा है कि उनके करीबी और राज्यसभा सांसद संजय सेठ इसमें उनकी मदद कर रहे हैं और गोमतीनगर में विपुल खंड में एक जमीन दिखाई भी है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी।
- दूसरी ओर, अखिलेश यादव अभी मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। सरकारी आवास खाली कराने की नोटिस उन्हें मिल चुका है लेकिन, दौरे से वापस होने पर ही इस बाबत उनकी ओर से कोई कदम उठाया जाएगा।
-मुलायम के पास 5 केडी तो अखिलेश को चार केडी है एलॉट
- मुलायम सिंह यादव को पांच विक्रमादित्य मार्ग और उनके बेटे अखिलेश को चार विक्रमादित्य मार्ग पर पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में आवास आवंटित हैं। इससे पहले मुलायम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपना और अखिलेश का आवास बचाने की कोशिश की थी और इसके लिए पत्र भी दिया था।
गृह मंत्री के फैसले के बाद सब पर बढ़ा दबाव
- केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से आवास खाली करने की घोषणा के बाद उन पर दबाव बढ़ गया। चर्चा है कि इसके बाद ही राज्यसभा सदस्य संजय सेठ ने उनके लिए आवास की खोज शुरू की। सूत्रों के अनुसार फिलहाल एक साल के लिए किराये का आवास खोजा जा रहा है। इस बीच कोई बंगला पसंद आया तो उसे खरीदा भी जा सकता है।
एनडी तिवारी को अभी नहीं मिला नोटिस
- पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को अभी आवास खाली करने का नोटिस नहीं दिया जा सका है। वह माल एवेन्यू में सरकारी आवास में रहते हैं। राज्य संपत्ति विभाग के अनुसार, उनके दिल्ली में अस्पताल में भर्ती होने की वजह से नोटिस नहीं दिया जा सका। नोटिस दिल्ली भेजा गया है और जल्द ही मिल जाएगा।
मायावती से साधी चुप्पी
-पूर्व मुख्यमंत्रियों में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को भी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है जिसके बाद उन्होंने खाली करने का निर्देश दे दिया हैं। इसके बाद पूर्व सीएम बसपा प्रमुख मायावती की ओर से इस मुद्दे पर चुप्पी है। माना जा रहा है कि वह भी कभी फैसला ले सकती हैं।
7 मई को आया था सुप्रीमकोर्ट का आदेश
-बीते 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार का पहले का आदेश रद्द कर दिया है। एनजीओ लोक प्रहरी ने 2004 में याचिका लगाकर इसे रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने 2014 में इस पर सुनवाई पूरी कर ली थी, लेकिन अपना आदेश सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट के आदेश के बाद करीब 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों या उनके परिवारों को दो महीने में सरकारी बंगले खाली करने होंगे।
(साभार- भाष्कर)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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