यरुशलम में अमेरिकी दूतावास खुलने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 37 मारे गए, 1600 लोग घायल
यहां पर इजरायली ड्रोनों ने टीयर गैस गिराए. इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को एक बयान जारी किया जिसमें फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास पर आरोप लगाया गया. इजरायल के साथ सटी सीमा पर इकट्ठा हुए विरोधियों को भड़काता था.
यरूशलम, 14 मई: फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सोमवार को गाजा सीमा पर संघर्ष के दौरान इजरायली बलों की गोलीबारी में कम से कम 37 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. नए अमेरिकी दूतावास के यरूशलम में आधिकारिक तौर पर खुले होने के कारण कुछ घंटे पहले प्रदर्शन किया गया था. फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 1,600 से ज्यादा लोगों को चोट लगी है, और कई मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हुई है. गाजा-इजराइल सीमा के पास सीएनएन पत्रकारों को गोलियों की आवाज सुनाई दी. यहां पर इजरायली ड्रोनों ने टीयर गैस गिराए. इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को एक बयान जारी किया जिसमें फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास पर आरोप लगाया.
आईडीएफ का अनुमान है कि लगभग 35,000 लोग, गाजा और इजराइल के बीच सीमा पर 12 अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठे हुए थे और सीमा से लगभग एक किलोमीटर दूर एक टेन्ट में हजारों लोग इकट्ठे हुए थे.
सेना ने कहा कि, 'प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर स्थित इजरायली सैनिकों पर शराब की बोतलों में आग लगा कर फेंका, टायर जलाया और पत्थरबाजी की. आईडीएफ ने यह भी कहा कि कि उसने 'विशेष रूप से हिंसक प्रदर्शन' के दौरान, मिस्र के साथ सीमा के नजदीक रफह के पास तीन सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा हमला गया किया था.
फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 443 लोग गोला बारूद, 320 लोग टियर गैस और 3 लोग रबर की गोलियों से घायल हुए. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,पहला शिकार 21 वर्षीय अनास हमदान कदीह था, था, जिसे खान यूनिस के पूर्व में इजरायली सेना ने गोली मार दी थी. इससे पहले, इजरायल की सेना ने गाजा पर हवाई-गिराए गए पर्चे के जरिए लोगों को चेतावनी दी थी कि वे उस बाड़ के रास्ते ना आए जो गाजा को इजरायल से अलग करता है.
अमेरिका ने आज तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया. यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विवादास्पद कदम के तहत वहां अपना दूतावास खोलने की दिसंबर में घोषणा की थी. यरूशलम में दूतावास खुलने पर ट्रम्प ने सुबह के अपने ट्वीट में इसे 'इस्राइल के लिए एक महान दिन' बताया. उन्होंने सुबह के इस ट्वीट में हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया , लेकिन कहा , इस्राइल के लिए एक महान दिन.'
(साभार- न्यूज़-18)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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