लहू बोलता भी है, सैय्यद बदरुल हसन - जंगे- आज़ादी- ए-हिन्द के मुस्लिम किरदार
आईये, जानते हैं,
जंगे- आज़ादी- ए-हिन्द के एक और मुस्लिम किरदार- सैय्यद बदरुल हसन जी को _________
सैय्यद बदरुल हसन:
सन् 1898 में हैदराबाद के रईस खानदान में पैदा हुए सैय्यद बदरुल हसन के वालिद अमीर हसन और वालिदा फख़रूल हजिया हसन थीं। वालिद अंग्रेजों से मुल्क आज़ाद कराने के लिए मुजाहिदों की बहुत मदद किया करते थे।
घर के माहौल का असर बदरुल हसन पर भी पड़ा और वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सीधे साबरमती आश्रम चले गये जहां यंग इण्डिया अख़बार के एडिटर गांधीजी से मिले तो गांधीजी ने उन्हें लिखने का काम सौंपाए जिसे आपने बखूबी अंजाम दिया।
इसके बाद आप एक अंग्रेज़ी अख़बार इंडीपेंडेंट के नाम से हैदराबाद से ही निकालकर ब्रिटिश हुकूमत के खि़लाफ़ लिखने लगेए लेकिन निज़ाम.हुकूमत की नाराज़गी की वजह से अख़बार का काम इलाहाबाद ले गये और कुछ दिनों बाद अख़बार वहीं से शाया किया।
अखबार में लिखने और उसे शाया करने के अलावा सन् 1920 में बदरुल हसन ने अपने दोस्तों व रिश्तेदारों से 23ए000 हजार रुपये इकट्ठा कर तिलक स्वराज्य निधि यबाम्बेद्ध को भेजा।
सैय्यद बदरुल हसन ने खि़लाफ़त मूवमेंटए असहयोग आंदोलन और विदेशी सामानों के बाइकाट आंदोलन में भी सरगर्मी से हिस्सा लिया।
जब ब्रिटेन के प्रिंस हैदराबाद आये तो आपने विदेशी कपड़ों को आग लगाकर मुज़ाहिरा किया। बदरुल हसन पहले हिन्दुस्तानी थेए जिन्होंने निज़ाम.हुकूमत में ब्रिटिश प्रिंस की खुलेआम मुख़ालिफत की। निज़ाम.राज्य में खादी की शुरुआत करने के लिए आपने बम्बई से चर्खे मंगाये और उसे मुजाहेदीन को बांटकर उससे धोती.कुर्ता और गांधी टोपी बनवाकर अवाम को पहनने का हौसला दियाए जिसकी वजह से निज़ाम.राज्य आपसे नाराज़ हुआ। आपने उसकी परवाह किये बग़ैर गांधीजी के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का आंदोलन चलाया और अपनी पूंजी से कई कुटीर उद्योग खुलवाये। इसके बाद आपने कोआपरेटिव मूवमेंट की नींव रखीए जो बहुत कम वक़्त में पूरी रियासत में फैल गयी।
कोआपरेटिव मूवमेंट की जानकारी अवाम तक पहुंचाने के लिए आपने एक उर्दू मैग़ज़ीन इमदादे बाहमी भी शुरू की। इस काम में आपके भाई ज़फ़र हुसैन ने भी पूरी मदद की।
सैय्यद बदरुल हसन ने महात्मा गाँधी के बताये हर आंदोलन को बहुत ही ज़ोर.शोर से चलाया और अपनी पूरी ज़ायदाद व ज़िंदगी भारत की जंगे.आज़ादी के लिए न्योछावर कर दी। सन् 1937 में आपका इंतकाल हो गया।
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