छत्तीसगढ़: आदिवासियों का दि: 16 अप्रैल से विशाल धरना __ रघु ठाकुर
ना कोई करता नहीं, हाँ पर अमल होता नहीं
अतः शांतिपूर्ण सविनय अवज्ञा ही रास्ता है। ___ रघु ठाकुर, राष्ट्रीय संरक्षक- लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी
छत्तीसगढ़, 14 अप्रैल: लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर के नेतृत्व में आदिवासियों का विशाल धरना होने जा रहा है, जिसमें सूत्रों की माने तो हज़ारों की संख्या में आदिवासियों का परिवार रायपुर के बूढ़ापारा में शामिल होकर "आदिवासियों के वनाधिकार भूमि कानून" के अनुसार पुराने कब्जाधारी पात्रो को पट्टे की माँग करेगा।
रघु ठाकुर ने बताया कि, "ना कोई करता नहीं, हाँ पर अमल होता नहीं", अतः शांतिपूर्ण सविनय अवज्ञा ही रास्ता है।
अतैव बाध्य होकर रायपुर के बूढ़ापारा में आदिवासियों के वनाधिकार भूमि कानून के अनुसार पुराने कब्जाधारी पात्रो को पट्टे की माँग को लेकर धरना शुरू होगा।
श्री ठाकुर ने बताया कि, महात्मा गांधी जी के, डॉ लोहिया के तथा बाबा साहब अम्बेडकर के चित्रों पर माल्यार्पण के साथ प्रातः10बजे धरना आरम्भ होगा।
आज भी श्री ठाकुर ने बाबा साहब आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर सभी साथियों के साथ संकल्प लिया कि, आदिवासियों को उनका अधिकार दिला कर रहूँगा और समाजवादी विचारधारा को लेकर लड़ता रहूँगा.
जैसा कि,स्वतंत्र भारत न्यूज़ में प्रकाशित खबरों में बताया गया था कि, यदि,सरकार इनकी मांगों को पूरा नही करती तो 16 अप्रेल सोमवार को हजारों लोग चलकर रायपुर पहुंचेंगे तथा बूढ़ा तालाब पर धरना देंगे।
धमतरी (छत्तीसगढ़): धमतरी (छत्तीसगढ़) के ग्राम दुगली में विशाल आमसभा को सम्बोधित करते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की राष्टीय संरक्षक श्री रघुठाकुर ने कहा था कि आदिवासियों को अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए व्यवस्था के खिलाफ लड़ना होगा। सिहावा वनांचल में डॉ लोहिया के जमाने में आन्दोलन शुरू हुआ था, जिसे आज भी पार्टी गांधी लोहिया के विचारों के साथ आगे बढा रही है। इस आंदोलन के माध्यम से आज चौथी पीढ़ी के लोग जेल जा रहे हैं। हाल ही में 165 लोग एक माह से अधिक जेल में रहे हैं। हम गांधी जी के सत्याग्रह व सविनय अवज्ञा आंदोलन को जिंदा रखे हुए हैं। यही कारण है कि इस अंचल में आज तक हिंसा नहीं हुई जबकि समूचा वन क्षेत्र हिंसा की आगोश में है। उन्होने मांग की थी कि:-
1- वनभूमि अधिकार अधिनियम के अनुसार पुराने कब्जे के पट्टे दिये जायें तथा 1987 में जिन्हें बलात हटा दिया गया था उन 5 ग्राम के आदिवासी को भी पट्टे दिये जायें।
रघु ठाकुर ने बताया था क़ि, इस बाबत 1987 में तत्कालीन राज्य सरकार से लिखित समझौता हुआ था उसका पालन होना चाहिए।
2- जिन 165 आदिवासी व अन्य लोगों पर वन कानून व सार्वजनिक संपत्ति विरूपण कानून के तहत मुकदमा दर्ज किये गए है उन्हें वापिस लिया जावे।
3- जिन अन्य कब्जे धारियों के मगरलोड ब्लाँक के आवेदन है, उनकी जांचकर उन्हें पट्टे आबंटित करने के लिये एक समिति धमतरी कलेक्टर की अध्यक्षता में बने, जो 3 माह में शेष नगरीय तहसील व मगरलोड के लंबित मामलों पर निर्णय कर उन्हें नियमानुसार पट्टे दे।
यदि,सरकार इन मांगों को पूरा नही करती तो 16 अप्रेल सोमवार को हजारों लोग चलकर रायपुर पहुंचेंगे तथा बूढ़ा तालाब पर धरना देंगे।
हमारा विश्वास गांधी - लोहिया के अहिंसक तरीको में है। हमला चाहे जैसा हो हाथ हमारा नहीं उठेगा।
सभा को सर्व श्री रामप्रसाद नेताम, बंशी श्रीमाली, श्याममनोहर सिंह, भागवत साहू, जगन्नाथ ध्रुव, श्रीमती शकुन भावसिंग, पार्टी के जिलाध्यक्ष उपासुराम, हेमन्त स्लाम आदि ने सम्बोधित किया था।
पार्टी की विशाल आमसभा सभा मैं रघु ठाकुर जी को सुनने के लिए हजारों आदिवासी महिला व पुरुष दूरदराज के इलाकों से पहुंचे थे।
रघु ठाकुर ने सभी मित्रों, सहयोगी बन्धुओं व शुभचिंतको के लिए अग्रिम आभार प्रकट किया है।
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