आखिर क्यों CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव नहीं ला सकी कांग्रेस?
विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सीजेआई के खिलाफ ससंद के बजट सत्र में 'महाभियोग प्रस्ताव' लाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन, पार्टी बाकी दलों को साथ नहीं ला पाई.
नई दिल्ली, 06 अप्रैल 2018: पिछले साल सुप्रीम कोर्ट विवाद पर चार सीनियर जजों के सामने आने के बाद से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सीजेआई के खिलाफ ससंद के बजट सत्र में 'महाभियोग प्रस्ताव' लाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन, पार्टी अंदरूनी मतभेद और बाकी दलों का समर्थन नहीं मिलने के कारण महाभियोग प्रस्ताव लाने में नाकाम रही.
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और पीएनबी फ्रॉड को लेकर संसद का बजट सत्र बेहद हंगामेदार रहा. शुक्रवार को बजट सत्र का आखिरी दिन भी टीडीपी सांसदों के हंगामे की भेंट चढ़ गया. ऐसे में सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की कांग्रेस की कोशिश बेकार हो गई.
दरअसल, शुक्रवार के बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा और राज्यसभा में बहुत हंगामा हुआ. जिसके बाद दोनों सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. आज बजट सत्र का आखिरी दिन भी था. बिना 50 सांसदों के समर्थन के कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष महाभियोग प्रस्ताव के लिए नोटिस नहीं दे सकती थी.
संविधान के मुताबिक, लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 100 सांसदों के समर्थन की ज़रूरत होती है और राज्यसभा में 50 सांसद मिलकर महाभियोग प्रस्ताव ला सकते हैं. लेकिन, दोनों सदनों में हंगामे के चलते कांग्रेस जरूरी समर्थन नहीं जुटा पाई.
बता दें कि कांग्रेस ने 28 फरवरी को सीजेआई के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव का ड्राफ्ट बनाया था. इसकी कॉपी एनसीपी समेत कई दलों को बांटी भी गई थी. लेकिन, पहले सीपीएम, फिर टीएमसी और बाद में बाकी दलों के नेता महाभियोग प्रस्ताव से पीछे हटने लगे.
सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के कांग्रेस सांसद, एनसीपी और लेफ्ट पार्टी का समर्थन मिला था. लेकिन, महाभियोग प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के अंदर ही सहमति नहीं बन पा रही थी. सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं ने आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाभियोग प्रस्ताव नहीं लाने की बात कही थी. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को अभी ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए, जिससे पार्टी को नुकसान हो और बीजेपी को सीधा फायदा मिले.
सूत्रों का कहना है कि कपिल सिब्बल के अलावा कांग्रेस के ज्यादातर लॉ मेकर्स महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ थे. इस मसले को लेकर पार्टी के कई लॉमेकर्स ने राहुल गांधी के सामने अपनी बात भी रखी थी. इन नेताओं ने आशंका जाहिर की थी कि इस वक्त महाभियोग प्रस्ताव लाने से संभव है कि उसका पार्टी पर ही गलत राजनीतिक असर पड़े.
उधर, बाकी दल भी महाभियोग प्रस्ताव से पीछे हट रहे थे. ऐसे में आखिरकार कांग्रेस ने सेफ खेलने का फैसला लिया और सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से खुद ही पीछे हट गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि अब यह मुद्दा एक तरह से खत्म हो चुका है.
(साभार: न्यूज़ - 18)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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