रेलवे में नौकरी के लिए रेल की पटरी पर छात्र : ट्रेन रोको आंदोलन की गूंज विधानसभा तक, आंदोलन वापस
रेल सेवक संघ के महामंत्री - एस.एन.श्रीवास्तव ने छात्रों की मांग को उचित बताया और कहा कि, रेल में काम किये और रेल में प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को बिना किसी अन्य परीक्षा के प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देनी चाहिए.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भी आंदोलनकारी छात्रोें से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया.
मुंबई, 20 मार्च: (वार्ता) मुंबई में आज सुबह मध्य रेलवे के दादर और माटुंगा स्टेशन के बीच बड़ी संख्या में छात्रों ने ट्रेन रोको आंदोलन के तहत ट्रेन सेवा ठप कर दी जिसकी गूंज विधानसभा तक पहुंची और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने सदस्यों को बताया कि आंदोलन कर रहे छात्रों ने रेलवे में भर्ती को लेकर ट्रेनों को रोक दिया था।
श्री फडनवीस ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों और रेल मंत्रालय से बातचीत के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि रेलवे के विभिन्न वर्कशॉप में अप्रेंटिस के रूप में काम कर रहे छात्रों को रेलवे में भर्ती के लिए 20 प्रतिशत का प्रावधान है लेकिन छात्रों की मांग है कि उन्हें इससे अधिक सीटें चाहिए।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अप्रेंटिस के रूप में काम कर रहे छात्रों से वह बात करेंगे। मध्य रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा है, “अप्रेंटिंस कानून के तहत काम कर रहे अप्रेंटिस छात्रों को नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है। इन लोगों का कौशल बढ़ाने के लिए एक निश्चित समय के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें इस क्षेत्र में अनुभव के लिए काम सिखाया जाता है। रेलवे मंत्रालय हालांकि अप्रेंटिस पूरा करने वालों के लिए 20 प्रतिशत भर्ती आरक्षित की है और इन सीटों के लिए सीधे भर्ती की जायेगी। इसके लिए फार्म भरने की अंतिम तारीख 31 मार्च है।”
गौरतलब है कि आज सुबह जब इन छात्रों ने ट्रेनों का आवागमन रोक दिया तब इन्हें हटाने के लिए पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो उन पर छात्रों ने पथराव किया जिसके कारण पुलिस को हल्की लाठी चलानी पड़ी जिससे कुछ छात्र मामूली रूप से जख्मी भी हुए हैं।
रेल मंत्रालय और मध्य रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के मध्यस्थता के बाद रेल रोको आंदोलन को पूर्वाह्न पौने ग्यारह बजे वापस ले लिया गया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भी आंदोलनकारी छात्रोें से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके पार्टी के कुछ नेता छात्रों के कुछ प्रतिनिधियों के साथ कल दिल्ली जायेंगे और रेल मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करेंगे।
छात्रों का कहना था कि वे लोग पिछले कई वर्षों से अप्रेंटिस के रूप में काम कर रहे हैं और लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी नियुक्ति नहीं की गयी। छात्रों की शिकायत है कि जब वह एक बार लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं तो रेलवे बोर्ड दोबारा लिखित परीक्षा क्यों लेना चाहती है।
रेल सेवक संघ के महामंत्री - एस.एन.श्रीवास्तव ने छात्रों की मांग को उचित बताया और कहा कि, रेल में काम किये और रेल में प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को बिना किसी अन्य परीक्षा के प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देनी चाहिए.
(साभार: वार्ता & SBN द्वारा एडिटेड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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