Breaking news: प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन
नई-दिल्ली: प्रधानमंत्री- नरेन्द्र मोदी कोविड-19 के खतरे से संबंधित मुद्दों पर आज यानि 24 मार्च, 2020 को रात 8 बजे से देश को संबोधित को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन के प्रारम्भ में उन्होंने आज 12 बजे मध्य रात्रि से 21 दिन के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लगाते हुए घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाया और कहा कि, चाहे कुछ भी हो जाय, घर से बाहर निकलना है। जान है तो जहां है।
आईये देखते हैं उनके सम्बोधन का मूल पाठ,
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन
नमस्कार !
मेरे प्यारे देशवासियों, मैं आज एक बार फिर, कोरोना वैश्विक महामारी पर बात करने के लिए आपके बीचआया हूं।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था, एक राष्ट्र के नाते उसकी सिद्धि के लिए हरभारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता के साथ, पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया।
बच्चे-बुजुर्ग, छोटे-बड़े, गरीब-मध्यम वर्ग-उच्च वर्ग, हर कोई परीक्षा की इस घड़ी में साथ आया। जनताकर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ़्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देशपर संकट आता है, जब मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर, एकजुटहोकर उसका मुकाबला करते हैं।
आप सभी जनता कर्फ़्यू के लिए प्रशंसा के पात्र हैं।
साथियों, आप कोरोना वैश्विक महामारी पर पूरी दुनिया की स्थिति को समाचारों के माध्यम से सुन भी रहे हैंऔर देख भी रहे हैं। आप ये भी देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देशों को भी कैसे इस महामारी नेबिल्कुल बेबस कर दिया है।
ऐसा नहीं है कि ये देश प्रयास नहीं कर रहे हैं या उनके पास संसाधनों की कमी है।
लेकिन कोरोना वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियों और प्रयासों के बावजूद, इन देशों मेंये चुनौती बढ़ती जा रही है।
इन सभी देशों के दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है, और एक्सपर्ट्स भी यही कह रहे हैंकि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है- Social Distancing.
यानि एक दूसरे से दूर रहना, अपने घरों में ही बंद रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीकानहीं है, कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ना हीहोगा। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि social distancing केवल बीमार लोगों के लिए आवश्यक है।
ये सोचना सही नहीं। social distancing हर नागरिक के लिए है, हर परिवार के लिए है, परिवार के हरसदस्य के लिए है। कुछ लोगों की लापरवाही, कुछ लोगों की गलत सोच, आपको, आपके बच्चों को,आपके माता पिता को, आपके परिवार को, आपके दोस्तों को, पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल मेंझोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकतीहै, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
साथियों, पिछले 2 दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इनप्रयासों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। हेल्थ सेक्टर के एक्सपर्ट्स और अन्य देशों के अनुभवों को ध्यानमें रखते हुए, देश आज एक महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहा है। आज रात 12 बजे से पूरे देश में, ध्यान सेसुनिएगा, पूरे देश में, आज रात 12 बजे से पूरे देश में, संपूर्ण Lockdown होने जा रहा है।
हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए आज रात 12 बजे से, घरों सेबाहर निकलने पर, पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है।
देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अबलॉकडाउन किया जा रहा है। ये एक तरह से कर्फ्यू ही है। जनता कर्फ्यू से भी कुछ कदम आगे की बात,जनता कर्फ्यू से और सख्त।
कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए ये कदम अब बहुत आवश्यक है। निश्चित तौर परइस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी।
लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की,
देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें।
अभी के हालात को देखते हुए, देश में ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा। आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुतमहत्वपूर्ण हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन कासमय बहुत अहम है। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चलाजाएगा। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो कई परिवार हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे।
इसलिए बाहर निकलना क्या होता है, ये इन 21 दिनों के लिए भूल जाइए। घर में रहें, घर में रहें और एक हीकाम करें कि अपने घर में रहें।
साथियों,
आज के फैसले ने, देशव्यापी लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है। आपको ये याद रखना है कि घर से बाहर पड़ने वाला आपका सिर्फ एक कदम, कोरोना जैसी गंभीरमहामारी को आपके घर ला सकता है। आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमितव्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता।
इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए।
वैसे, जो लोग घर में हैं, वो सोशल मीडिया पर नए-नए तरीकों से, बहुत इनोवेटिव तरीके से इस बात कोबता रहे हैं। एक बैनर मुझ भी पसंद आया है। ये मैं आपको भी दिखाना चाहता हूं। कोरोना यानि कोई रोडपर ना निकले।
साथियों,
एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि आज अगर किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस पहुंचता है तो उसकेशरीर में इसके लक्षण दिखने में कई-कई दिन लग जाते हैं।
इस दौरान वो जाने-अनजाने हर उस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है जो उसके संपर्क में आता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि इस महामारी से संक्रमित एक व्यक्ति सिर्फहफ्ते-दस दिन में सैकड़ों लोगों तक इस बीमारी को पहुंचा सकता है।
यानि ये आग की तरह तेज़ी से फैलता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का ही एक और आंकड़ा बहुतमहत्वपूर्ण है।
साथियों,
दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को पहले 1 लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे थे। इसके बाद सिर्फ 11 दिन में ही एक लाख नए लोग संक्रमित हो गए।
सोचिए,
पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11दिन लगे। ये और भी भयावह है कि दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने मेंसिर्फ चार दिन लगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैलता है। और जबये फैलना शुरू करता है, तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है।
साथियों,
यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस नेफैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए। और ये भी याद रखिए, इटली हो या अमेरिका, इन देशों कीस्वास्थ्य सेवा, पूरी दुनिया में बेहतरीन मानी जाती है। बावजूद इसके, ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहींकर पाए। सवाल ये कि इस स्थिति में उम्मीद की किरण कहां है?
उपाय क्या है, विकल्प क्या है?
साथियों,
कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तकनियंत्रित कर पाए। हप्तों तक इन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले, इन देशों के नागरिकों नेशत-प्रतिशत सरकारी निर्देशों का पालन किया और इसलिए ये कुछ देश अब इस महामारी से बाहर आनेकी ओर बढ़ रहे हैं।
हमें भी ये मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने यही एक मार्ग है-
हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है। कोरोना से तभी बचा जा सकता हैजब घर की लक्ष्मण रेखा न लांघी जाए। हमें इस महामारी के वायरस का संक्रमण रोकना है, इसके फैलनेकी चेन को तोड़ना है।
साथियों,
भारत आज उस स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हमकितना कम कर सकते हैं। ये समय हमारे संकल्प को
बार-बार मजबूत करने का है। ये समय कदम-कदम पर संयम बरतने का है।
आपको याद रखना है- जान है तो जहान है।
साथियों,
ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में lockdown की स्थिति है,
हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि घरोंमें रहते हुए आप उनलोगों के बारे में सोचिए, उनके लिए मंगलकामना करिए जो अपना कर्तव्य निभाने के लिए, खुद को खतरेमें डालकर काम कर रहे हैं।
उन डॉक्टर्स, उन नर्सेस, पैरा-मेडिकल स्टाफ, pathologists के बारे में सोचिए,
जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए, दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन के लोग, एंबुलेंस चलाने वाले ड्राइवर, ward boys, उन सफाई कर्मचारियों के बारे मेंसोचिए जो इन कठिन परिस्थितियों में दूसरों की सेवा कर रहे हैं।
आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करिए जो आपकी सोसायटी, आपके मोहल्लों,
आपकी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों को sanitize करने के काम में जुटे हैं,
जिससे इस वायरस का नामो-निशान न रहे। आपको सही जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम कर रहेमीडिया के लोगों के बारे में भी सोचिए, जो संक्रमण का खतरा उठाकर सड़कों पर हैं, अस्पतालों में हैं।
आप अपने आस पास के पुलिस कर्मियों के बारे में सोचिए जो अपने घर परिवार की चिंता किए बिना,आपको बचाने के लिए दिन रात duty कर रहे हैं, और कई बार कुछ लोगों का गुस्सा भी झेल रहे हैं।
साथियों,
कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कररही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो,
इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं। सभी आवश्यक वस्तुओं की supply बनी रहे, इसके लिए सभीउपाय किए गए हैं और आगे भी किए जाएँगे। निश्चित तौर पर संकट की ये घड़ी, गरीबों के लिए भी बहुतमुश्किल वक्त लेकर आई है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ समाज के अन्य संगठन, सिविल सोसायटी के लोग, गरीबों कोमुसीबत कम हो, इसके लिए निरंतर जुटे हुए हैं। गरीबों की मदद के लिए अनेकों लोग साथ आ रहे हैं।
साथियों,
जीवन जीने के लिए जो जरूरी है, उसके लिए सारे प्रयासों के साथ ही जीवन बचाने के लिए जो जरूरी है,उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी ही पड़ेगी। इस नई महामारी से मुकाबला करने के लिए देश की स्वास्थ्यसुविधाओं को तैयार करने का काम केंद्र सरकार लगातार कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत के बड़े चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहऔर सुझाव पर कार्य करते हुए सरकार ने निरंतर फैसले लिए हैं।
अब कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए, देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्रसरकार ने आज 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
इससे कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फेसिलिटीज, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स, Isolation Beds, ICU beds, ventilators, और अन्य जरूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। साथ ही मेडिकल औरपैरामेडिकल मैनपावर की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा।
मैंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि इस समय उनकी पहली प्राथमिकता,
सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं ही होनी चाहिए, हेल्थ केयर ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
मुझे संतोष है कि देश का प्राइवेट सेक्टर भी पूरी तरह से कंधे से कंधा मिलाकर संकट और संक्रमण कीइस घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ा है।
प्राइवेट लैब्स, प्राइवेट अस्पताल, सभी इस चुनौतीपूर्ण दौर में सरकार के साथ काम करने के लिए आगे आरहे हैं। लेकिन साथियों, ये भी ध्यान रखिए कि ऐसे समय में जाने-अनजाने कई बार अफवाहें भी फैलती हैं।
मेरा आपसे आग्रह है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें। आपके द्वारा केंद्र सरकार,राज्य सरकार और medical fraternity द्वारा दिए गए निर्देश और सुझावों का पालन करना बहुत जरुरी है।
मेरी आपसे प्रार्थना है कि इस बीमारी के लक्षणों के दौरान, बिना डॉक्टरों की सलाह के, कोई भी दवा न लें। किसी भी तरह का खिलवाड़, आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है।
साथियों,
मुझे विश्वास है हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के, स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालनकरेगा। 21 दिन का लॉकडाउन, लंबा समय है, लेकिन आपके जीवन की रक्षा के लिए, आपके परिवार कीरक्षा के लिए, उतना ही महत्वपूर्ण है।
मुझे विश्वास है, हर हिंदुस्तानी इस संकट का न सिर्फ सफलता से मुकाबला करेगा बल्कि इस मुश्किल घड़ीसे विजयी होकर निकलेगा।
आप अपना ध्यान रखिए, अपनों का ध्यान रखिए।
जय हिंद!
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