अदाणी एंटरप्राइजेज और एनसीसीएफ के पूर्व प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज
नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आंध्र प्रदेश की बिजली कंपनी को आयातित कोयले की आपूर्ति के ठेके के आवंटन में कथित अनियमितता, आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार के मामले में आज गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज और नैशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन आफ इंडिया (एनसीसीएफ) के दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
यह मामला 2010 का है, जब आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन (एपीजीईएनसीओ) ने फ्री-ऑन-रेल डेस्टिनेशन के आधार पर डॉ नारला टाटा राव थर्मल पॉवर स्टेशन विजयवाड़ा और रायलसीमा थर्मल पॉवर प्लांट कडपा में किसी भी बंदरगाह से 6 लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी।
निविदा की सूचना के बाद एनसीसीएफ ने इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी इकाइयों से बोली मांगी। इसी साल जुलाई में एनसीसीएफ ने 6 बोलीकर्ताओं- अदाणी इंटरप्राइज, व्योम ट्रेड लिंक्स, माहेश्वरी ब्रदर्स, कोल स्वर्ण प्रोजेक्ट्स, गुप्ता कोल इंडिया और क्योरी ओरेमेन से बोली हासिल की।
बोली लगाने वाली 6 कंपनियों में से सिर्फ 3 ने ही एनसीसीएफ के मार्जिन के मुताबिक बोली लगाई, जिसे एनसीसीएफ के दिल्ली कार्यालय ने रद्द कर दिया क्योंकि यह पाया गया कि वे निविदा की शर्तें नहीं पूरी करतीं। वहीं अदाणी सहित 3 ने कोई मार्जिन कोट नहीं किया था।
अदाणी एंटरप्राइजेज की बोली रद्द करने के बजाय एनसीसीएफ के शीर्ष प्रबंधन ने एनसीसीएफ के ऑफर मार्जिन की सूचना कंपनी को अपने प्रतिनिधि मुनीश सहगल के माध्यम से दीए जो कथित रूप से उसी शाम एनसीसीएफ के कार्यालय में बैठे थे और उसके बाद अदाणी ने एनसीसीएफ के शाखा प्रबंधक को सूचित किया कि कंपनी 2.25 प्रतिशत की दर पर एनसीसीएफ को प्रीमियम सर्विसध्शुल्क भुगतान करने को सहमत है। सीबीआई की जांच में पाया गया कि टेंडर के बाद एनसीसीएफ के अधिकारियों द्वारा अदाणी एंटरप्राइजेज का पक्ष लेने के लिए बातचीत की गई और सीबीआई ने कहा है कि उसने (अदाणी) हैदराबाद में टेंडर खोले जाते समय शर्तें नहीं पूरी की थी।
सीबीआई की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एनसीसीएफ, नई दिल्ली के तत्कालीन चेयरमैन वीरेंद्र सिंह और उस समय एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक जीपी गुप्ता ने ठेका देने में अदाणी एंटरप्राइजेज का पक्ष लिया।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य हैं कि जब बोली की प्रक्रिया एनसीसीएफ के मुख्यालय मेंं चल रही थीए अदाणी एंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि को सूचित किया गया कि उन बोलीकर्ताओं को खारिज कर दिया गया है, जिन्होंने एनसीएफ मार्जिन कोट नहीं दाखिल किया है और साथ ही यह भी बताया गया कि माहेश्वरी ब्रदर्स ने 2.25 प्रतिशत मार्जिन कोट किया है।
सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने टेंडर नोटिस में तय की गई 2 अहम शर्तों की उपेक्षा की और अदाणी एंटरप्राइजेज को अयोग्य घोषित करने के बताय उसका पक्ष लिया। माहेश्वरी और अदाणी को ठेका देने का पूरा फैसला शीर्ष प्रबंधन द्वारा किया गया। सीबीआई रिपोर्ट में अदाणी एंटरप्राइजेज और व्योम के बीच संबंधों का भी उल्लेख किया गया है। केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक अदाणी एंटरप्राइजेज ने बोली लगाने वाली 6 कंपनियों में से एक व्योम ट्रेड को 16.81 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज दिया था।
(साभार- बी एस & फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
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