महंगाई कि मार: सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर पौने दो रुपये महंगा
नयी दिल्ली: इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने एक बयान जारी कर इस वृद्धि की घोषणा की। आधार मूल्य में बदलाव और उस पर कर प्रभाव से दाम में वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि रसोई गैस की औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है।
ऐसे में जब अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है। लेकिन कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर करना होता है।
इसी के चलते रसोई गैस पर कर गणना का प्रभाव पड़ा है जिससे इसके दाम में वृद्धि हुई है।
दिल्ली में आज मध्यरात्रि से सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम 498.02 रुपये हो जाएगा जो अभी 496.26 रुपये प्रति सिलेंडर है।
गौरतलब है कि सभी ग्राहकों को बाजार कीमत पर ही रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होता है। हालांकि, सरकार सालभर में 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है जिसमें सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में पहुंच जाती है।
इससे पहले रसोई गैस एक जुलाई को करीब पौने तीन रुपये महंगी हो गई थी। तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस की आधार कीमत में बदलाव करती हैं।
वैश्विक कीमतों में वृद्धि का असर बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर पर भी पड़ा है। दिल्ली में इसकी कीमत 35.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़कर 789.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। जुलाई में इसकी कीमत में 55.50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई थी।
(साभार- भाषा & बी.एस.)
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