हथिनी कुंड बैराज खुलने से खतरे के निशान से ऊपर यमुना, गंगा में बढ़ा जलस्तर
दिल्ली में हथिनी वैराज का पानी खोल दिए जाने और यमुना का खतरे का निशान पार कर जाने से स्थिति और गंभीर बन गई है. क्योंकि बैराज का पानी यमुना के माध्यम से जब गंगा में पहुंचेगा तो स्थिति और बुरी होगी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता से किसानों को फायदा पहुंचा है और धान की रोपाई में तेजी आई है. वहीं पूर्वाचल में लगातार भारी बारिश और दिल्ली में हथिनी कुंड बैराज से पानी खोले जाने के बाद गंगा के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से वृद्धि हो रही है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में दोपहर 12 बजे 72 मीटर 89 सेंटीमीटर पर गंगा बह रही थी. इसकी वजह से गंगा के तटीय गांवों के लिए खतरा पैदा होने के साथ कटान का भी खतरा बढ़ने लगा है.
सीतामढ़ी में स्थापित केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार को गंगा में 02 से 05 सेंटीमीटर की वृद्धि दोपहर 12 बजे तक दर्ज की गई. हलांकि यह बढ़ाव स्थिर नहीं है, लेकिन जल स्तर में वृद्धि का क्रम जारी है. सुबह 04 से 05 सेंटीमीटर की यह बढ़ोतरी थी. दोपहर में 05 सेंटीमीटर प्रतिघंटा पहुंच गई, जिसकी वजह से पूर्वाचल के भदोही, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है.
दिल्ली में हथिनी वैराज का पानी खोल दिए जाने और यमुना का खतरे का निशान पार कर जाने से स्थिति और गंभीर बन गई है. क्योंकि बैराज का पानी यमुना के माध्यम से जब गंगा में पहुंचेगा तो स्थिति और बुरी होगी. तीन दिन पूर्व 10 सेंटीमीटर तक का बढ़ाव दर्ज किया गया. हलांकि भदोही में केंद्रीय जल आयोग की तरफ से गंगा में कोई खतरे का निशान नहीं निर्धारित किया गया है. लेकिन 2013 में 81 मीटर जलवृद्धि से कई गांव डूब गए थे. डीघ ब्लाक के छेछुवा भोर्रा गांव में 17 बीघे जमीन कटान की वजह से गंगा में समा गई थी.
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