वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 20 से 26 सितंबर तक 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाएगा
वाणिज्य विभाग वाणिज्य सप्ताह मनाएगा
देश भर में आयोजित कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के रूप में भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति, हरित और स्वच्छ एसईजेड के रूप में प्रदर्शन करते हैं
देश के सभी 739 जिलों को कवर करने के लिए 'खेत से विदेशी भूमियों', निर्यातक सम्मेलनों और 'वाणिज्य उत्सव' पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन होगा
देश के पांच क्षेत्रों-उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और पूर्वोत्तर (स्थलों का विवरण आवश्यक) में "आज़ादी और निर्यात प्रोत्साहन/आयात प्रतिस्थापन आत्मनिर्भरता की ओर’’ विषय पर पांच राष्ट्रीय संगोष्ठियों/प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा
भारत को 'उभरती आर्थिक शक्ति' के रूप में प्रदर्शित करते हुए प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में कम से कम एक कार्यक्रम के रूप में 35 निर्यात संवर्धन कार्यक्रमों/प्रदर्शनियों का 21-22 सितंबर को आयोजन
डीपीआईआईटी राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली और औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली का शुभारंभ करेगा
इन्वेस्ट इंडिया पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्चुअल इन्वेस्टर समिट आयोजित करेगा
"आज़ादी और निर्यात संवर्धन/आयात प्रतिस्थापन-आत्मजनिर्भरता की ओर" विषय पर राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता
नई दिल्ली(PIB): प्रगतिशील भारत और इसके गौरवशाली इतिहास के 75 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाने के उपलक्ष में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह के एक अंग के रूप में अगले सप्ताह विशेष कार्यक्रमों और उत्सवों का आयोजन कर रहा है।
वाणिज्य विभाग 20-26 सितंबर, 2021 की अवधि के दौरान ‘वाणिज्य सप्ताह’ (व्यापार और वाणिज्य सप्ताह) मनाएगा। इसके अंतर्गत देश भर में कई कार्यक्रमों और उत्सवों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का उल्लेख किया गया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से यह देश के सभी 739 जिलों को शामिल करते हुए ‘खेत से विदेशी भूमियों’, निर्यातक सम्मेलनों और 'वाणिज्य उत्सव' पर ध्यान केंद्रित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के रूप में एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति, हरित और स्वच्छ एसईजेड का प्रदर्शन किया जाएगा। 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रत्येक जिले को निर्यात केंद्र में बदलने के आह्वान से प्रेरणा लेते हुए, सितंबर, 2020 में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के निर्देशन में 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना का अनावरण किया गया था। एक जिले की वास्तविक क्षमता को साकार करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार एवं ग्रामीण उद्यमिता का सृजन करने की दिशा में ओडीओपी को एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा जाता है, जो हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य तक ले जाता है। 24-26 सितंबर, 2021 को होने वाले वणिज्य उत्सव के दौरान, निर्यात और निर्यात के साथ-साथ विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा बाजार विकास सहायता (ईएंडएमडीए) और संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से 100 जिलों में व्यापक स्तर के कार्यक्रमों सहित 700 से अधिक जिलों में निर्यातक सम्मेलनों/बैठकों का आयोजन किया जाएगा। संबंधित जिले के जिला आयुक्तों/कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिला निर्यात संवर्धन समितियां (डीईपीसी) इन सम्मेलनों के आयोजन में प्रमुख हितधारक होंगी। इसमें अग्रणी बैंक, स्थानीय निर्यात संघों और निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) जैसे हितधारकों से जुड़े विदेशी व्यापार के मुद्दों पर स्थानीय निर्यातकों/उद्यमियों के लिए 2-3 घंटे के महत्वपूर्ण सत्र शामिल होंगे। साथ ही, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) द्वारा देश के पांच क्षेत्रों- उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और पूर्वोत्तर (स्थलों का विवरण आवश्यक) में "आज़ादी और निर्यात प्रोत्साहन/आयात प्रतिस्थापन-आत्मनिर्भरता की ओर" विषय पर पांच राष्ट्रीय संगोष्ठियों/प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों के दौरान, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और ईपीसी में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की ऑनबोर्डिंग भी पूरी की जाएगी। 'वाणिज्य सप्ताह' के एक अन्य प्रमुख अभियान के तहत सभी 14 ईपीसी द्वारा 21-22 सितंबर, 2021 को आयोजित किए जा रहे 35 निर्यात संवर्धन कार्यक्रमों/प्रदर्शनियों में प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में से कम से कम एक कार्यक्रम के माध्यम से भारत को एक उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। निर्यात प्रोत्साहन को जन आंदोलन बनाने के लिए स्थानीय निर्यातकों, निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों को ईपीसी संगठित करेगी। कई केंद्रीय मंत्री और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री/मंत्री इन कार्यक्रमों के दौरान कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे और प्रतिभागियों के साथ संवाद करेंगे। इसके अलावा, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) भी राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली और औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली जैसे दो कार्यक्रमों का शुभारंभ कर रहा है। यह पहल डिजिटल प्लेटफॉर्म निवेशकों को भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक विभिन्न पूर्व-संचालन अनुमोदनों की पहचान करने और आवेदन करने की अनुमति देगी। इसके माध्यम से पूर्व-निवेश सलाह, भूमि बैंकों से संबंधित जानकारी और केंद्र और राज्य स्तर पर मंजूरी की सुविधा सहित अंतिम स्तर तक सुविधा और सहायता प्रदान की जाएगी। औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले पार्कों की पहचान करते हुए निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली के रूप में कार्य करती है। 'औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली 2.0' इसके दायरे का विस्तार करेगी और इसका उद्देश्य गुणात्मक मूल्यांकन को प्रायोगिक चरण में और आगे लाना है। आईपीआरएस 2.0 के तहत, इन पार्कों/क्षेत्रों के मूल्यांकन के लिए गुणात्मक संकेतकों की शुरूआत के साथ निजी औद्योगिक पार्कों और एसईजेड सहित औद्योगिक पार्कों का मूल्यांकन 4 स्तंभों अर्थात आंतरिक अवसंरचना और उपयोगिताओं, बाहरी बुनियादी ढांचे और संपर्क, कारोबार सहायता प्रणाली के तहत पहचाने गए मापदंडों और पर्यावरण एवं सुरक्षा प्रबंधन के अंतर्गत किया जा रहा है। औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम का उद्देश्य देश की विनिर्माण क्षमता और सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान को बढ़ाने के प्रयासों को पूरा करना है। महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य अपने राज्य में औद्योगिक गलियारे में हुई प्रगति पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन धोलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीआईसीडीएल), गुजरात, औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड (एआईटीएल), महाराष्ट्र, डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल), उत्तर प्रदेश, सीबीआईसी तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड, कर्नाटक और एनआईसीडीआईटी कृष्णापट्टनम इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड, आंध्र प्रदेश और डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड (वीयूएल), मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित किया जा रहा है। डीपीआईआईटी अनुपालन बोझ को कम करने के लिए किए गए कार्यों को प्रदर्शित करने हेतु सभी मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला भी आयोजित करेगा। इस कार्याभ्यास के दौरान तीन प्रमुख पहलुओं जैसे शासन में सभी प्रक्रियाओं, नियमों, अधिसूचनाओं, परिपत्रों, ओएम आदि पर ध्यान दिया जाएगा। कार्याभ्यास के तहत निरर्थक नियामक बोझ को समाप्त करना, निरर्थक कानूनों को निरस्त/संशोधित/समाप्त करना और गैर-अपराधीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा इस कार्यशाला में तकनीकी और मामूली गैर-अनुपालन मुद्दों के संबंध में सभी कानूनों का, जबकि गंभीर धोखाधड़ी वाले अपराधों के लिए सख्त आपराधिक प्रवर्तन बनाए रखना जो सार्वजनिक हित को खतरे में डालते हैं और पूर्वाग्रह करते हैं, जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। एनआईसीडीसी संपूर्ण पैन इंडिया और लॉजिस्टिक डेटा बैंक में निर्यात/आयात कंटेनर दृश्यता सेवा के आधार पर की गई प्रगति, रोजगार और व्यापार के अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कोलकाता, चेन्नई और मुंबई के बंदरगाहों पर कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। एनआईसीडीसी राजस्थान के नीमराना में एसपीवी द्वारा किए गए कार्यों और 6 मेगावाट मॉडल सौर ऊर्जा परियोजना में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए भी एक कार्यक्रम आयोजित करेगा। पूर्वोत्तर में इन्वेस्ट इंडिया द्वारा वर्चुअल इन्वेस्टर समिट या इन्वेस्टर फोरम का आयोजन किया जाएगा और निजी औद्योगिक पार्कों के साथ वार्तालाप किया जाएगा। वाणिज्य विभाग के वृक्षारोपण प्रभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे 'खेत से विदेशी भूमियों तक' विषय के अंतर्गत 26 सितंबर को सभी केंद्रीय स्थानों पर आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रमों में लगभग दस लाख वृक्षारोपण कार्यकर्ता भाग लेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकास के प्राथमिक एजेंडे के अंतर्गत, 250 से अधिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) 23 सितंबर को 'हरित और स्वच्छ एसईजेड' पर विशेष ध्यान देते हुए अपने-अपने क्षेत्र में एक स्वच्छता अभियान और वृक्षारोपण अभियान चलाएंगे। 20 सितंबर को इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) द्वारा वाणिज्य सप्ताह के शुभारंभ के साथ "आजादी और निर्यात संवर्धन/आयात प्रतिस्थापन-आत्मनिर्भरता की ओर" विषय पर एक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। पांच क्षेत्रों, अर्थात् उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और पूर्वोत्तर में से प्रत्येक के लिए अलग-अलग प्रतिस्पर्धा का आयोजन होगा और शीर्ष पांच प्रविष्टियों को प्रत्येक क्षेत्र में पुरस्कार दिए जाएंगे। आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन हर राज्य, मंत्रालय और विभाग द्वारा विभिन्न तरीकों से किया जा रहा है। इसमें भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान से जुड़े प्रगतिशील कार्यक्रम शामिल हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद में 'आजादी का अमृत महोत्सव' से जुडी गतिविधियों का उद्घाटन किया था और यह 15 अगस्त, 2022 से पूर्व 75 सप्ताह और तत्पश्चात 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने देश को विकास के पथ पर ले जाने और हमारे देश के लोगों को लाभान्वित करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ इस महोत्सव को 75 सप्ताह तक मनाने का लोगों से आग्रह किया है।
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