
भारी उद्योग मंत्रालय ने भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए 'विकसित भारत @2047' के विजन के साथ संरेखित एक रणनीतिक रोडमैप, ऑटोमोटिव मिशन योजना 2047 (एएमपी 2047) की शुरूआत की: भारी उद्योग मंत्रालय
एएमपी 2047 उप-समितियों ने उद्देश्यों की रूपरेखा तय करने और विचार-विमर्श शुरू करने के लिए बैठक की
इसमें विभिन्न मंत्रालयों, उद्योग निकायों (एसआईएएम, एसीएमए, सीआईआई), शिक्षाविदों और परीक्षण एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल हुए और ये एक उद्योग-प्रेरित प्रयास है
एएमपी 2047 का लक्ष्य नवाचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत की वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार की हिस्सेदारी बढ़ाना है
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के मार्गदर्शन में भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव मिशन योजना 2047 (एएमपी 2047) के निर्माण की शुरूआत की है, जो 'विकसित भारत @2047' के विजन के अनुरूप एक रणनीतिक रोडमैप है। पिछली ऑटोमोटिव मिशन योजनाओं की उपलब्धियों के आधार पर, जिन्होंने हितधारकों के सहयोग के माध्यम से भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि को बढ़ावा दिया, एएमपी 2047 का लक्ष्य नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और सतत विकास को बढ़ाना है, ताकि 2047 तक भारत को एक वैश्विक ऑटोमोटिव लीडर के रूप में स्थापित किया जा सके।
एएमपी 2047 उप-समितियों की उद्घाटन बैठक उद्देश्यों और फ्रेमवर्क को रेखांकित करने के लिए आयोजित की गई थी। एमएचआई के अपर सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "2047 के लिए विज़न एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि क्षेत्र के विकास, निर्यात और उद्योग की प्रगति के लिए ठोस लक्ष्यों द्वारा समर्थित एक रणनीतिक रोडमैप है। हमें विशिष्ट प्रौद्योगिकों या कंपनियों से परे सोचना चाहिए और 2047 में भारत की वैश्विक स्थिति पर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसका लक्ष्य नवाचार और गुणवत्ता के माध्यम से वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में हमारी हिस्सेदारी बढ़ाना है।"
बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया, जिनमें विद्युत मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, डीपीआईआईटी, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और उद्योग निकाय जैसे एसआईएएम, एसीएमए और सीआईआई, फिक्की, अकादमिक संस्थान, अनुसंधान विचार मंच और परीक्षण एजेंसियां शामिल थीं, जिन्होंने एएमपी 2047 को आकार देने के लिए उद्योग के नेतृत्व में प्रयास शुरू किए।
एएमपी 2047 का उद्देश्य हितधारकों, जिनमें मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम), ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और अंतिम उपयोगकर्ता शामिल हैं, के सामूहिक विजऩ को एकीकृत करना हैं, ताकि प्रौद्योगिकी संबंधी प्रगति और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चुनौतियों को संबोधित किया जा सके। सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों वाली सात उपसमितियां 2030, 2037 और 2047 के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियों को लक्षित करते हुए एक व्यापक योजना के विकास का मार्गदर्शन करेंगी।
भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के मार्गदर्शन में मंत्रालय एक आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और स्थायी ऑटोमोटिव इकोसिस्टम के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। कई उप-समिति बैठकें शीर्ष समिति को प्रस्तुति के लिए विचारों और डेटा को समेकित करेंगी, जिसकी अध्यक्षता भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव श्री कामरान रिज़वी करेंगे। मंत्रालय सभी हितधारकों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद देता है और 2047 तक विकसित भारत को साकार करने में उनके योगदान की उम्मीद करता है।
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