विशेष: खट - पट !
विशेष में प्रस्तुत है,
सेवनिबृत्त साथी - ब्रिज इंजीनियर - पी सी श्रीवास्तव की अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर आप -बीती, शीर्षक है______
'खट - पट':
लखनऊ: साथी इंजीनियर पी सी श्रीवास्तव बताते हैं कि, यह उन दिनों की बात थी, जब हमारी नई नई शादी हुई थी।
वाइफ पहली बार किचन में घुसी और खाना बनाने लगी।
अचानक मुझे ख्याल आया कि, रोटी बनाने वाला चकला बिल्कुल भी आवाज नही कर रहा। मगर यह कैसे सम्भव था? उसकी तीनो 'टाँगे' कभी स्लैब पर टिकती ही नही थी। एक टांग छोटी होने से 'खट - पट' होती रहती थी।
जैसे ही मै किचन में घुसा तो देखा, वाइफ आराम से रोटी बना रह थी और चकले की तीनो टांग अलग पड़ी थी।
मैंने उससे पूछा “यह क्या किया तुमने?”
“कुछ नही, यह ज्यादा 'खट - पट' कर रहा था तो मैंने इसकी तीनो टांग तोड़ दी। मेरा यही स्टाइल है।”
उसका यह स्टाइल देखकर फिर मेरी भी कभी खटपट करने की हिम्मत नही हुई..जो तीन तोड़ सकती है मेरे तो दो ही हैं।
वाइफ पहली बार किचन में घुसी और खाना बनाने लगी।
अचानक मुझे ख्याल आया कि, रोटी बनाने वाला चकला बिल्कुल भी आवाज नही कर रहा। मगर यह कैसे सम्भव था? उसकी तीनो 'टाँगे' कभी स्लैब पर टिकती ही नही थी। एक टांग छोटी होने से 'खट - पट' होती रहती थी।
जैसे ही मै किचन में घुसा तो देखा, वाइफ आराम से रोटी बना रह थी और चकले की तीनो टांग अलग पड़ी थी।
मैंने उससे पूछा “यह क्या किया तुमने?”
“कुछ नही, यह ज्यादा 'खट - पट' कर रहा था तो मैंने इसकी तीनो टांग तोड़ दी। मेरा यही स्टाइल है।”
उसका यह स्टाइल देखकर फिर मेरी भी कभी खटपट करने की हिम्मत नही हुई..जो तीन तोड़ सकती है मेरे तो दो ही हैं।
*आज अंतर्राष्ट्रीय पुरुष*
*मौन दिवस है*
*मौन दिवस है*