भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (प्री-पैकेज्ड दिवाला निपटान प्रक्रिया) नियमन 2021 अधिसूचित: कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
नई-दिल्ली (PIB): दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2021, चार अप्रैल 2021 से प्रभावी हो गया है। इसके तहत छोटे और मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को प्री-पैकेज्ड दिवाला निपटान प्रक्रिया (पीपीआईआरपी) की सुविधा मिल गई है। इस संबंध में भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (प्री-पैकेज्ड दिवाला निपटान प्रक्रिया) नियमन 2021 (पीपीआईआरपी) अधिसूचित कर दिया और वह आज से प्रभावी हो गया है।
पीपीआईआरपी नियमन में उन सभी बातों का विस्तार पूर्वक विवरण दिया गया है, जिसमें संबंधित पक्षों को फॉर्म और दूसरी जरूरतों को पूरा करने का विवरण दिया गया है। यह निम्नलिखित चीजें मुहैया कराता है:
- विवाद निपटान पेशेवर के रुप में काम करने के लिए पात्रता और नियुक्ति की शर्तें
- पंजीकृत वैल्युअर्स और अन्य पेशेवरों की पात्रता
- अधिकृत प्रतिनिधि की पहचान और चयन
- सार्वजनिक घोषणा और संबंधित पक्ष के दावे
- मसौदे की जानकारी
- कर्जदाता और कर्जदाता समिति की बैठक
- विवाद निपटान योजना का आमंत्रण
- मूल विवाद निपटान और सबसे अच्छे विवाद निपटान के बीच प्रतिस्पर्धा
- विवदान निपटान का मूल्यांकन और चर्चा
- कॉरपोरेट कर्जदार के साथ विवाद निपटान पेशेवरों के साथ प्रबंधन
- पीपीआईआरपी का खत्म होना
पीपीआईआरपी नियमन आज से लागू हो गया है। जो कि www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in. पर उपलब्ध है।
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