
परित्याग से अवसर तक (From Abandonment to Opportunity): बीसीसीएल ने एमडीओ मॉडल के माध्यम से पुरानी कोयला खदान फिर से चालू की: कोयला मंत्रालय
कोकिंग कोल उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत की ओर एक रणनीतिक कदम
नई-दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल के तहत लंबे समय से बंद पीबी प्रोजेक्ट से कोयला उत्पादन को सफलतापूर्वक फिर से शुरू कर दिया है। बीसीसीएल और पूरे कोल इंडिया इकोसिस्टम के लिए एक उपलब्धि के रूप में सीआईएल समूह के भीतर यह पहली चालू एमडीओ खदान बन गई है।
ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड को 25 वर्षों के लिए प्रदान की गई पीबी परियोजना, अपने अवधि चक्र के दौरान 52 मिलियन टन (पीआरसी-2.7एमटीवाई) कोयला - मुख्य रूप से कोकिंग कोयला - प्रदान करेगी, जो भारत के इस्पात और अवसंरचना क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट है।
यह सार्वजनिक-निजी पहल ऊर्जा आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है:
- निजी क्षेत्र की दक्षता के माध्यम से पुरानी कोयला परिसंपत्तियों को पुन चालू करना
- घरेलू कोकिंग कोयले की आपूर्ति बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करना
- उन्नत खनन प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम तौर-तरीकों को लागू करना
- रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को समर्थन
- पारदर्शी, टिकाऊ और उत्पादक संसाधन उपयोग सुनिश्चित करना
राजस्व-साझाकरण मॉडल के तहत, बीसीसीएल को सकल राजस्व का 6 प्रतिशत प्राप्त होगा, जो न्यायसंगत और पारदर्शी खनन साझेदारी के लिए एक मानक स्थापित करेगा।
कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे के नेतृत्व में, कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त के रणनीतिक मार्गदर्शन में हासिल यह उपलब्धि सीआईएल में एक नए अध्याय की शुरुआत है। यहां विरासत में मिली परिसंपत्तियों को अवसर के इंजन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे राष्ट्र आत्मनिर्भरता और सतत विकास की ओर अग्रसर हो रहा है।
उद्घाटन समारोह में कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री पी.एम. प्रसाद वर्चुअल रूप से उपस्थित थे। उन्होंने इस परियोजना की सराहना करते हुए इसे एक “अग्रणी कदम” बताया और इसकी परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पी.बी. परियोजना का पुनरुद्धार केवल एक खदान को फिर से चालू करने से कहीं अधिक है और यह इन विरासत परिसंपत्तियों की चुनौतियों को राष्ट्रीय अवसरों में बदलने, समुदायों को सशक्त बनाने और वास्तव में आत्मनिर्भर भारत की ओर आगे बढ़ने से सम्बंधित है।
इस अवसर पर बीसीसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री समीरन दत्ता, निदेशक (मानव संसाधन) श्री मुरली कृष्ण रामैया, निदेशक (तकनीकी) परिचालन श्री एस.के. सिंह, निदेशक (तकनीकी), परियोजना एवं योजना श्री मनोज कुमार अग्रवाल तथा ईगल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बीसीसीएल के सीएमडी श्री समीरन दत्ता ने कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड और सभी हितधारकों के प्रति उनके निरंतर सहयोग के लिए गहरी सराहना और आभार व्यक्त किया। श्री समीरन दत्ता ने मिशन कोकिंग कोल, आयात में कमी और टिकाऊ खनन सहित राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति बीसीसीएल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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