रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा
नयी दिल्ली (PIB): उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा करते हुए प्रेस नोट नंबर 4 (2020 सीरीज़) जारी किया है। यह निर्णय फेमा अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होगा।
वर्तमान स्थिति इस प्रकार है:
क्षेत्र / गतिविधि |
इक्विटी / एफडीआई कैप की प्रतिशतता |
प्रवेश मार्ग |
रक्षा उद्योग, उद्योग (विकास एवं नियमन), अधिनियम, 1951 के तहत औद्योगिक लाइसेंस और आयुध अधिनियम, 1959 के तहत छोटे अस्त्र-शस्त्र एवं युद्ध सामग्री विनिर्माण के अधीन है
|
100 प्रतिशत |
49 प्रतिशत तक स्वचालित,
आधुनिक प्रौद्योगिकी या दर्ज किए जाने वाले अन्य कारणों की वजह से 49 प्रतिशत से आगे के लिए सरकारी मार्ग |
अन्य शर्तें
- जिस कंपनी में औद्योगिक लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है, उनमें अनुमति प्राप्त स्वचालित मार्ग स्तर के भीतर ताजा विदेशी निवेश करने के लिए, जिससे स्वामित्व पैटर्न में बदलाव या मौजूदा निवेशक द्वारा नए विदेशी निवेशक को हिस्सेदारी का हस्तांतरण होता है, सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
- लाइसेंस आवेदनों पर विचार किया जाएगा और रक्षा तथा विदेश मंत्रालय के परामर्श से औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा दिए गए लाइसेंस।
- इस क्षेत्र में विदेशी निवेश एम/ओ रक्षा की सुरक्षा मंजूरी और दिशा-निर्देशों के अधीन है।
- निवेश कंपनी को उत्पाद डिजाइन और विकास के क्षेत्रों में आत्म-निर्भर होने के लिए संरचित किया जाना चाहिए। निर्माण सुविधा के साथ निवेशकर्ता/संयुक्त उद्यम कंपनी के पास भारत में निर्मित होने वाले उत्पाद के रख-रखाव और जीवन चक्र समर्थन सुविधा भी होनी चाहिए।
संशोधित स्थिति निम्नानुसार होगी:
भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मौजूदा एफडीआई नीति की समीक्षा की है और अब इस नीति को निम्नानुसार पढ़ा जाएगा:
क्षेत्र / गतिविधि |
इक्विटी / एफडीआई कैप की प्रतिशतता |
प्रवेश मार्ग |
रक्षा उद्योग, उद्योग (विकास एवं नियमन), अधिनियम, 1951 के तहत औद्योगिक लाइसेंस और आयुध अधिनियम, 1959 के तहत छोटे अस्त्र-शस्त्र एवं युद्ध सामग्री विनिर्माण के अधीन है
|
100 प्रतिशत |
74 प्रतिशत तक स्वचालित,
आधुनिक प्रौद्योगिकी या दर्ज किए जाने वाले अन्य कारणों की वजह से 74 प्रतिशत से आगे के लिए सरकारी मार्ग |
अन्य शर्तें
- जिन कंपनियों को नए औद्योगिक लाइसेंस की जरूरत है उनके लिए स्वचालित मार्ग के तहत 74 प्रतिशत तक की एफडीआई की अनुमति होगी।
- जिन कंपनियों को औद्योगिक लाइसेंस की जरूरत नहीं है या जिन्हें रक्षा क्षेत्र में एफडीआई के लिए सरकारी अनुमति पहले से ही मिली हुई है, उन्हें 49 प्रतिशत तक ताजा विदेशी निवेश के लिए इक्विटी/शेयर होल्डिंग पैटर्न में बदलाव या मौजूदा निवेशक द्वारा 49 प्रतिशत तक निवेश करने वाले नए निवेशकों को हिस्सेदारी स्थानांतरण के मामले में इस तरह के बदलाव के 30 दिनों के भीतर रक्षा मंत्रालय के साथ एक घोषणा प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई बढ़ाने के ऐसी कंपनियों के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
- रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के परामर्श से उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा लाइसेंस आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
- इस क्षेत्र में विदेशी निवेश गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा मंजूरी के अधीन है।
- निवेश कंपनी को उत्पाद डिजाइन और विकास के क्षेत्रों में आत्म-निर्भर होने के लिए संरचित किया जाना चाहिए। निवेशकर्ता/संयुक्त उद्यम कंपनी के पास विनिर्माण सुविधा के साथ-साथ भारत में निर्मित होने वाले उत्पाद का रख-रखाव और जीवन चक्र समर्थन सुविधा भी होनी चाहिए।
- रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जांच के अधीन होगा और सरकार के पास रक्षा क्षेत्र में किसी भी विदेशी निवेश की समीक्षा करने का अधिकार सुरक्षित है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है या प्रभावित कर सकता है।
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