COVID-19: उपराष्ट्रपति ने जल शक्ति मंत्रालय और नीति आयोग से आंध्र प्रदेश में उदयगिरी के लिए पेयजल परियोजना की संभाव्यता पर विचार करने को कहा
उपराष्ट्रपति ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय पेयजल समस्याओं पर बातचीत की
नई-दिल्ली, 25 मई 2020: भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, पेयजल एवं सफाई सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव श्री यू पी सिंह के साथ बैठक की और आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले के सूखाग्रस्त उदयगिरि इलाके में पेयजल एवं सिंचाई से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न संभव उपायों पर चर्चा की। उपराष्ट्रपति ने इन अधिकारियों के साथ इस इलाके के लोगों की चिंताएं साझा की।
हाल के दिनों में उपराष्ट्रपति उदयगिरि विधानसभा क्षेत्र के लोगों से बातचीत करते रहे हैं जहां से श्री वेंकैया नायडू पहली बार 1978 में विधायक निर्वाचित हुए थे। बातचीत में उनका सामान्य हाल-चाल पूछने के दौरान वहां के लोगों ने उपराष्ट्रपति को बताया कि इलाके में भूमिगत जलस्तर तेजी से कम हुआ है जिससे ज्यादातर सरोवर/नलकूप सूख चुके हैं और जलापूर्ति की विभिन्न योजनाओं से इलाके के लोगों की पानी की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। वहां के लोगों ने उपराष्ट्रपति को यह भी बताया कि लगातार 7 वर्षों से यहां पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। उन लोगों में से ज्यादातर लोगों ने उपराष्ट्रपति श्री नायडू से कृष्णा बेसिन या सोमासिला परियोजना से पानी दिलाने के लिए कोई उपाय तलाशने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति के साथ आज की बातचीत में अधिकारियों ने सुझाव देते हुए कहा कि वे आंध्र प्रदेश सरकार से बातचीत कर विभिन्न विकल्पों का पता लगाएंगे और देखेंगे कि सबसे अधिक संभव विकल्प क्या हो सकता है।
उपराष्ट्रपति ने जल संसाधन सचिव को केंद्रीय जल आयोग से इस बारे में बातचीत करने और तकनीकी संभाव्यता का पता लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और जल संकट को कम करने के लिए जल ग्रिड परियोजना सहित राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रयासों का अध्ययन करने का भी सुझाव दिया।
प्राथमिक आकलन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि नीति आयोग और केंद्रीय जल आयोग के साथ ही जल शक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इलाके के दौरे पर जाए और जमीनी हकीकत जानने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ बातचीत करें और फिर कोई उपाय सुझाए।
उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी इस बारे में बातचीत की और उनसे उदयगिरि में अपने परिचितों से बातचीत के दौरान इलाके में विकट पेयजल की स्थिति को लेकर मिले फीडबैक को साझा किया। उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को आज सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बारे में जानकारी दी और उनसे कहा कि अच्छा होता यदि इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार एक साथ मिलकर काम करती। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया और इस समस्या के सहयोगपूर्ण समाधान के लिए काम करने का वादा भी किया।
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