COVID-19 - VIDEO - बड़ी खबर: डा. तरुण कोठारी ने खोला कोरोना का सच - कोरोना एक षडयंत्र - प्रधानमंत्री भी फॅस चुके हैं षड्यंत्र में!
सोशल मीडिया/ FACE BOOK/ YOU TUBE पर वायरल हो रहे इस VIDEO में - जानें कोरोना का सच!
Friends,
I am Dr. Tarun Kothari, MBBS, MD, wants to request you to... Dr. Colleagues, Please wakeup जाग जाओ! डाक्टर्स जागिए!
कोरोना को लेकरके सबको बताइए कि, यह एक सामान्य बिमारी है, सामान्य फ्लू है जिसकी मृत्यु दर 0.21% से भी कम है।
कोरोना को लेकरके सबको बताइए कि, यह एक सामान्य बिमारी है, सामान्य फ्लू है जिसकी मृत्यु दर 0.21% से भी कम है।
जो मृत्यु दर बताई जाती है, वह मोपिडिटी के वजह से यानि उसके साथ में दो बिमारी - तीन बिमारी- चार बिमारी और है। काॅज आफ डेथ उसका लिखा जा रहा है___ "कोरोना वायरस"।
इस बात को आपको समझने की आवश्यकता है और सबको समझाने की आवश्यकता है।
"डाइगनोस्टिक किट" जिसके बेस पर यह टेस्ट किया जा रहा है, वह 2% से 40% तक इनएकुरेट है। फाल्स पाजिटिव है और फाल्स निगेटिव है।
इन किट्स के आधार पर किसी को "कोरोना-पाजिटिव" बताना, "कोरोना-निगेटिव" बताना ही गलत है। और "कोरोना-पाजिटिव" बताकरके उस मरीज को आइसोलेशन करना, कोरेन्टाइन करना और पूरा देश लाॅक-डाउन करना, यह गलत है।
इस बात को लेकर तंजानिया के राष्ट्रपति को मैं सलाम करता हूँ।
तंजानिया के राष्ट्रपति को जब लगा कि "कोरोना-केश" बढ़ रहे हैं तो क्या कारण है, पता लगाने की कोशिश की। तो उसने कुछ फाल्स-सैम्पल लिए - झूूूठे-सैम्पल लिए, जो मनुष्यों के नहीं थे। गाय के थे, बकरी के थे, भेड़ के थे, चिड़िया के थे, पपीता के थे, पाइन-एपिल केे थे, कटहल के थे। और बड़े आश्चर्य की बात कि सैम्पल भी उसी तरीक़े से लिए गये, स्वाप के द्वारा।फिर भी कुछ केश के रेजल्ट आए इनडिटरमिनेट और कुछ के आए पाजिटिव।
पपीता- पाजिटिव (+)कटहल- पाजिटिव (+)भेड़- पाजिटिव (+)बकरी- पाजिटिव (+)
तो, तंजानिया के राष्ट्रपति ये तुरन्त बात समझ गये, उन्होंने कहा कि, बहुत बड़ा खेल हो रहा है- "कोरोना के नाम से"। वो डाॅक्टर नहीं हैं, वो इस बात को समझ गये, आप क्यों नहीं समझ पा रहे हैं?-
यह कितनी बड़ी साजिश है?-ये भारत समेत तमाम विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को नष्ट करके, एक राष्ट्र या कुछ राष्ट्रों के द्वारा एक अर्थव्यवस्था बना कर के हमारे देश को गुलाम बनाने की षड्यंत्र है। गुलाम बनाने का षडयंत्र है - साजिश है।
इसलिए इस बात को आपको समझना होंगा कि "अमेरिकन फार्मास्यूटिकल्स कम्पनी" की साजिश है या "बिलगेट्स" की साजिश है या वर्ल्ड बैंक की साजिश है या WHO की साजिश है।
बिल गेट्स या बाकी जितने भी तमाम, बिल गेट्स डाक्टर नहीं है, आप डाक्टर हैं, हम आपसे बात करना चाह रहा हूँ।
बिल गेट्स अपने आप को इस पूरे मामले में सबसे आगे आया है और समझाने की कोशिश कर रहा है कि, वैक्सीन! वैक्सीन!! वैक्सीन!!!
यहाँ तक कि हमारे प्रधानमंत्री जी भी बिल गेट्स के बिछाए हुए षड्यंत्र में फॅस चुके हैं।
मित्रोँ,
हमें अपने प्रधानमंत्री जी को भी इस षडयंत्र से बाहर निकालना है।
हम किसी पार्टी की बात नहीं कर रहे हैं, न ही किसी व्यक्ति की बात कर रहे हैं।
देश हमारा बर्बाद हो रहा है और हम पार्टी व ब्यक्ति में उलझ गये तो देश को हम बर्बादी होने से बचा नहीं सकते।
इसलिए, आप इस बात को समझिए,या तो आप इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं, या आप समझना चाहते नहीं हैं।
जैसे भी हो, यदि आपने ये बात जनता को नहीं बताई, तो मान के चलिए कि यह कोरोना का षड्यंत्र 6 माह, एक साल, दो साल, चार साल, पाँच साल - दस साल तक चल सकता है, जब-तक कि हम पूरी तरह बर्बाद नहीं हो जाँय, जब-तक कि हम गुलाम नहीं हो जाँय, जब-तक कि हमारे यहाँ बहुत बड़ी भुखमरी न फैल जाय।
18 अक्टूबर 2019 को ही बिल-गेट्स ने यह घोषणा कर दी थी कि, "अगला महायुद्ध आइटम बम से नहीं होगा बल्कि वह एक वायरस से होगा और उस वायरस का नाम "कोरोना-वायरस" होगा। बकायदा फोटो बनाया गया था उसके ऊपर।
तो आप समझ सकते हैं कि यह एक महायुद्ध चल रहा है।
इस महायुद्ध के अन्दर, हमारा देश बर्बाद हो रहा है।
इस बात को आपको समझना है और सबको समझाना है।
यदि आपने इस बात को नहीं समझा तो लोग क्या सोचेंगे आप के बारे में?-
मैं यू-ट्यूब और फेसबुक पर जो विडियो अपलोड करता हूँ तो मुझे जो कमेंट आते हैं, वहां पर साधारण लोग हैं, 99% लोग साधारण हैं और वो लोग इस बात को समझ पा रहे हैं, लेकिन आप अगर नहीं समझ पा रहे हैं तो जनता के बीच में आपकी क्या छवि होगी?- आपकी क्रेडिटेबिलिटी खतरे में है। जनता आपको क्या सोचेगी बाद में?-
और दूसरी बात यह है कि यदि आप समझ लिए हैं, बात आपके समझ में आ चुकी है परन्तु आप नहीं बोल रहे हैं और छ: महीने बाद बोलेंगे, अठारह महीने बाद बोलेंगे, तब जनता फिर पूछेगी आपसे कि यह बात आपने पहले क्यों नहीं बताई, तब आप क्या बोलेंगे?-
और मित्रों, एक बात और ध्यान में रखना कि, वैक्सीन के नाम पर जो आई डी 2020 जो लगाई जा रही है आपके शरीर के अन्दर डिजिटल आई.डी.।
ये सर्टीफिकेशन, ये कितने खतरनाक हैं।सबसे पहले आपके ऊपर इनको लगाया जायेगा क्योंकि, आपसे कहा जायेगा कि आप डाक्टर्स हैं, आप नर्सिंग स्टाफ हैं, सबसे अधिक खतरा आपको है, इसलिए यह वैक्सीन/ यह आई डी सबसे पहले आप लगवायें। आपके बच्चों को लगाया जायेगा।
वैक्सीन रिलेटेड काॅम्प्लीकेशन्स, डायबीटीस, कैंसर, आदि, ये सब के सब आपको सबसे पहले प्रभावित करेंगे, उसके बाद जनता तक पहुँचेगी। आपको जगना है। ये बात आपको अच्छी तरह से समझ लेना होगा।
मैं डाॅ• तरुण कोठारी आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूँ कि, "इस बात को आप समझिए और सबको समझाइए, आम जनता को समझाइए क्योंकि आम जनता आपकी बात को ज्यादा गौरपूर्वक सुनेगी।
जनता को मीडिया के भरोसे छोड़ना ठीक नहीं है। मीडिया, आप जानते हैं कि यह एक ऐसा संगठन है जो पैसों के लिए काम करता है। सिर्फ और सिर्फ पैसों के लिए। पैसों के लिए ही वह स्टोरी चलाता है, पैसों के लिए ही काम करता है। पैसा मिलेगा तो आप जो चाहें, वह लिख देगा उसके अन्दर।
तो अब ये आपका दायित्व बनता है।इसलिए आप इस बात को सभी लोगों को समझायें। जो बाकी साथी लोग हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूँ कि इस विडियो को अधिक से अधिक शेयर करें, अधिक से अधिक ग्रुप में भेजें। पता नहीं किस ग्रुप में कौन सा डाक्टर हो जिसको सच्चाई मालूम चल जाय।
यदि उनको सच्चाई मालूम चल गई तो बहुत जल्दी ये फर्जीवाड़ा एक्सपोज हो जाएगा।
साथियों,
धन्यवाद, जय हिन्द, जयभारत!!!
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