COVID-19: घर जाना जरूरी है, चाहे जो मजबूरी हो!
संत कबीर नगर: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पूरे राष्ट्र में लॉकडाउन है। तृतीय चरण के लॉक डाउन की शुरुआत के साथ ही विभिन्न राज्यों से लोगों का भारी मात्रा में पलायन होने लगा था। लोग ऐन केन प्रकारेण किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते थे और आज़ भी पहुँचना चाहते हैं।
इन प्रवासियो को घर भेजने के लिए भारी भरकम किराया भी वसूला जाना और रोजगार का समाप्त होना भी इस पलायन के कारणों में से एक है। लोग अपने जान की परवाह न करते हुए किसी भी तरह अपने घर के लिए निकल कर चल दिए हैं, जिसके कारण रास्ते में दुर्घटनाओं का शिकार भी होना पड़ रहा है। रास्ते में वे अन्य कठिनाइयों का सामना भी कर रहे हैं। लॉकडाउन के 50 दिन से ऊपर हो गए हैं, फिर भी रोजी-रोटी के लिए बाहर गए मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है।
इसी क्रम में आज जिला मुख्यालय के बाईपास चौरहे पर चिलचिलती धूप में दर्जनों परिवार मासूम बच्चों के साथ आते दिखे। तो कुछ पुल के नीचे आराम करते दिखे।
यहीं पर कर कुछ उत्साही युवक, समाजसेवी नित्यानंद की अगुवाई में आने वाले प्रवासियों के जलपान की व्यवस्था किए हैं। पूछने पर नित्यानंद ने बताया कि, गरीब मजदूर असहाय की सेवा करने की विरासत में मिली परंपरा को निभा रहा हूँ। पिता जी पूर्व विधायक स्व० द्वारिका प्रसाद जी के दिखाए गए मार्ग पर चल रहा हूँ। जितना बन पड़ रहा है, उससे सबकी सेवा कर रहा हूँ।
(नवनीत मिश्र)
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