COVID-19: देश भर में खाद्यान्न उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एफसीआई की ओर से विविध कदम उठाए गए
- एफसीआई में वर्तमान में 271.27 एलएमटी चावल और 400.48 एलएमटी गेहूं मौजूद: एफसीआई
- लगभग 160 एलएमटी खाद्यान्न राज्यों/संघशासित प्रदेशों को वितरित किया गया: एफसीआई
नई-दिल्ली, 14 मई, (PIB): भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की 12.05.2020 की रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई में वर्तमान में 271.27 एलएमटी चावल और 400.48 एलएमटी गेहूं मौजूद है। अत: कुल 671.75 एलएमटी खाद्यान्न भंडार (गेहूं और धान की वर्तमान में जारी खरीद के अलावा, जो अभी तक गोदामों तक नहीं पहुंचा है) में मौजूद है। एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत महीने भर के लिए लगभग 60 एलएमटी खाद्यान्न की आवश्यकता है।
लॉकडाउन के बाद से, 2880 रेल रैक्स के माध्यम से लगभग 80.64 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव और ढुलाई हो चुकी है। रेल मार्ग के अलावा सड़क एवं जल मार्ग के माध्यम से भी परिवहन किया गया। कुल 159.36 एलएमटी की ढुलाई की जा चुकी है। 15,031 एमटी खाद्यान्नों की 11 पोतों के माध्यम से ढुलाई की गई है। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कुल 7.36 एलएमटीअनाज का परिवहन किया गया है। एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अगले 3 महीनों के लिए कुल 11 एलएमटी अनाज की आवश्यकता है।
मुक्त बाजार बिक्री योजना
लॉकडाउन के दौरान राहत शिविर चला रहे गैर सरकारी संगठन और सामाजिक संस्थान सीधे एफसीआई डिपो से मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) की दर पर गेहूँ और चावल खरीद सकते हैं। राज्य सरकारें भी एफसीआई से सीधे अनाज खरीद सकती हैं।
राज्य सरकारें गैर- एनएफएसए परिवारों को,जिन्हें राज्य सरकार द्वारा राशन कार्ड जारी किया गया है,अगले तीन माह तक के लिए चावल/गेहूँ भी उपलब्ध करा सकती है। ओएमएसएस के अंतर्गत चावल की दरें 22 रुपये किलो और गेहूं की दरें 21 रुपये किलो निर्धारित की गई हैं। इसबीच,लॉकडाउन की अवधि में एफसीआई ने ओएमएसएस के द्वारा से 4.68 एलएमटी गेहूँ एवं 6.58 एलएमटील चावल की बिक्री की है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
अनाज (चावल/गेहूं)
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत अगले 3 माह के लिए कुल 104.4 एलएमटी चावल एवं 15.6 एलएमटी गेहूं की आवश्यकता है, जिसमें से 69.65 एलएमटी चावल एवं 10.1 एलएमटी गेहूँ का उठाव विभिन्न राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों द्वारा कर लिया गया है। कुल 79.75 एलएमटी का उठाव किया गया है। भारत सरकार इस योजना का शत-प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है जो लगभग 46,000 करोड़ रुपये है। गेहूँ का आवंटन 6 राज्यों - पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली एवं गुजरात में किया गया है एवं शेष राज्यों में चावल का आवंटन किया गया है।
दालें
दालों के संबंध में, अगले तीन माह के लिए कुल 5.87 एलएमटी दालों की आवश्यकता है। अभी तक 3.15 एलएमटी दाल प्रेषित जा चुकी है, जबकि 2.26 एलएमटी दाल राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों में पहुँच चुकी है और 71,738 एमटीका वितरण किया जा चुका है। दिनांक 12मई, 2020 तक बफर स्टॉक में 12.75 एलएमटी दालें (तूर-5.70 एलएमटी, मूंग-1.72 एलएमटी, उड़द-2.44 एलएमटी, चना-2.42 एलएमटी और मसूर-0.47 एलएमटी) उपलब्ध है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम
उपभोक्ता मामले विभाग ने कोविड-19 के कारण बढ़ी मांग को देखते हुए फेस मास्क और सैनिटाइजर्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित किया है। मास्क, सैनिटाइजर्स और उनके विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले संघटकों के मूल्यों की भी अधिकतम दर तय कर दी गई है।
लॉकडाउन के कारण आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन में कोई बाधा उत्पन्न न हो और सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम नियंत्रित रहें, इसके लिए राज्यों को दिशानिर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने राज्य सरकारों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत निर्णय लेने के लिए सभी शक्तियाँ सौंप दी हैं।
खाद्यान्न खरीद
दिनांक 12 मई, 2020 तक कुल 268.9 एलएमटी गेहूं (आरएमएस 2020-21) और 666.9 एलएमटी चावल (केएमएस 2019-20 ) की खरीद की गई।
शुरु से अंत कम्प्यूटरीकरण
ई-पीओएस के माध्यम से कुल 90 प्रतिशत एफपीएस ऑटोमेशन किया जा चुका है, जबकि कुल 20 राज्यों/संघशासित प्रदेशों में यह शत- प्रतिशत कर लिया गया है।
90 प्रतिशत राशन कार्डों की आधार सीडिंग की जा चुकी है, जबकि 11 राज्यों/संघशासित प्रदेशों में यह शत- प्रतिशत कर लिया गया है।
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(फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
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