अफ्रीका के घाना विश्वविद्यालय परिसर से गांधीजी की प्रतिमा हटाने की रघु ठाकुर ने की निन्दा - समवैचारिकों की बुलाई सभा
○प्रतिमा हटाने का मुख्य आधार अरुंधती रॉय की पुस्तक में वर्णित गलत प्रस्तुतियां हैं○
○पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2016 में इस मूर्ति का अनावरण किया था○
नई दिल्ली: अफ्रीका के घाना विश्वविद्यालय परिसर से महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटा दिया गया है।
प्रतिमा हटाने की निंदा करते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने कहा कि, "अंततः अफ्रीकी देश घाना विश्व विद्यालय से छात्रों के विरोध के आधार पर महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाया गया है।"
रघु ठाकुर ने बताया कि, "छात्रों के विरोध का आधार 'अरुंधती रॉय की पुस्तक में वर्णित गलत प्रस्तुतियां' हैं।
भारत के राजदूत को वहाँ के छात्रों की गलतफहमी को दूर करनी चाहिए थी।"
श्री ठाकुर ने कहा कि, "गाँधी जी आज इन आरोपों का उत्तर देने को दुनिया में नहीं है। अब यह दायित्व हमारा और उनके वैचारिक अनुयायिओं का है।"
श्री ठाकुर ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री- मोदी जी से माँग की है कि, "घाना में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा हटाया जाना गलत है। कृपया हस्तक्षेप करें तथा भारतीय दूतावास से कहें कि, 'वे छात्रों से हमारी चर्चा कराएं ताकि उनकी गलतफहमी दूर कर सकें। सधन्यवाद, रघुठाकुर"
श्री ठाकुर ने आगे की रणनीति तय करने के लिए तथा इस पर विचार के लिए 04 जनवरी 2019 शुक्रवार को दोपहर 3:00 बजे एक बैठक राजधानी दिल्ली स्थित गांधी शान्ति प्रतिष्ठान में आमंत्रित की है और सभी सम विचार के मित्रों को आमंत्रित किया है।
गांधीजी की पोती इला की अगुआई में दक्षिण अफ्रीका के गांधीवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इला डरबन में गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट चलाती हैं।
द• अफ्रीका और भारत के रिश्तों की प्रतीक थी यह प्रतिमा, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2016 में अंकारा में घाना विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण किया था। दोनों देशों के बीच रिश्तों के प्रतीक के तौर पर यह मूर्ति स्थापित की गई थी।
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