
स्टरलाइट ने तूतीकोरिन संयंत्र की सफाई के लिये कर्मचारियों को वापस बुलाया
चेन्नई , 16 जुलाई: स्टारलाइट कॉपर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी रामनाथ ने कहा कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों से संयंत्र से सल्फ्यूरिक एसिड और अन्य सामग्री बाहर निकालने में मदद करने के लिये काम (ड्यूटी) पर वापस आने के लिये कहा। स्थानीय प्रशासन ने इन सामग्रियों को हटाने के लिये समयसीमा निर्धारित की है।
तांबा प्रसंस्करण प्रक्रिया में कथित प्रूदषण फैलने को लेकर मई में हुये हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुये राज्य सरकार ने संयंत्र को बंद करने का आदेश दिया था। इन प्रदर्शनों में पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हुयी थी।
संयंत्र बंद होने के बाद 707 स्थायी कर्मचारियों में से अधिकांश को कंपनी की अन्य इकाइयों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने पीटीआई - भाषा से कहा , " हम उन्हें भुगतान कर रहे हैं। यह कर्मचारियों को जोड़े रखने के लिये वेदांता की नीति है। वेदांता समूह के पास बहुत सी कंपनियां हैं , हम कर्मचारियों को वहां तैनात कर सकते हैं। "
चेन्नई में कंपनी के सूत्रों ने बताया कि संयंत्र के प्रबंधन ने कर्मचारियों को तूतीकोरिन इकाई के बंद होने के बाद आगे के कदमों पर चर्चा के लिए बुलाया है।
रामनाथ ने आरोप लगाया कि इकाई बंद होने के बाद वहां से सल्फ्यूरिक एसिड का मामूली रिसाव हो रहा था। स्थानीय प्रशासन ने इस पर तब तक ध्यान नहीं दिया जब तक कि यह " रिसाव और बढ़ न जाये " । स्थानीय प्रशासन ने जांच - पड़ताल के बाद कंपनी को संयंत्र से सारी सामग्री " बाहर निकालने " को कहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने सामग्रियों को बाहर निकालने के लिये जो समयसीमा दी है वो अव्यावहारिक है।
अधिकारी ने कहा कि 4,000 से अधिक स्थायी और संविदा कर्मचारियों को या तो दूसरे संयंत्र में भेज दिया गया है या फिर वे शहर से बाहर चले गये हैं। तय समयसीमा में काम को पूरा करने में मदद के लिये उन्हें वापस बुलाया गया है।
रामनाथ ने निर्धारित समयसीमा को " पूरी तरह से अव्यावहारिक " करार देते हुये कहा कि कंपनी समयसीमा के भीतर काम पूरा करने की पूरी कोशिश कर रही है और इसलिये कर्मचारियों को वापस बुलाया गया है।
(साभार- बी. एस.)
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