किसानों को मिला 152 करोड़ रुपये का मुआवजा
जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला
जगदलपुर (छ.ग.), १२ जुलाई:
रेलवे कानून के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोगों को पहली बार
जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा मिलेगा। नए भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत निर्धारित मुआवजा दर पूर्व के कानून में तय मुआवजा दर से 4 गुना अधिक बताई जा रही है। बस्तर जिले में अकेले जगदलपुर राजस्व अनुविभाग के कंगोली, अघनपुर और पल्ली क्षेत्र में रावघाट रेललाइन के रास्ते में 108 खातेदारों की लगभग 28.102 हेक्टेयर निजी जमीन के लिए 152 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि निर्धारित की गई है। मुआवजे का वितरण शुरू भी हो चुका है। कुछ एेसे खातेदार, जिन्होंने अपनी कृषि भूमि का डाइवर्जन करा लिया था, उन्हें करोड़ों रुपये का मुआवजा मिलेगा। कुछ एेसे भी खातेदार हैं, जिनकी जमीन का डाइसवर्जन नहीं हुआ है, उन्हें कई गुना कम मुआवजे की रकम मिलेगी। बस्तर अनुविभाग को भी राशि का आवंटन जिला प्रशासन की ओर से कर दिया गया है। इस अनुविभाग के खातेदारों को भी जल्द ही मुआवजे की रकम बांटी जाएगी। बस्तर में इससे पहले मुआवजे के रूप में इतनी बड़ी रकम किसानों के हिस्से में नहीं आई है। नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बाद यह पहला अवसर है, जब जमीन के दाम इतने अधिक हुए हैं।
रेललाइन के रास्ते आने वाली परिवर्तित भूमि के 4 से 5 खातेदार एेसे हैं, जिनके हिस्से 100 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवजा राशि मिलेगी। इसके अलावा 50 करोड़ रुपये की रकम 100 से अधिक किसानों को वितरित की जाएगी। एसडीएम कार्यालय पहुंचकर कुछ खातेदारों ने मुआवजा भी ले लिया है। अब छोटे खातेदार बताए जा रहे हैं, जिन्हें मुआवजे के रूप में बारी-बारी चेक दिया जा रहा है। जगदलपुर-रावघाट-दल्ली राजहरा रेललाइन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला एमओयू दिसंबर 2007 में हुआ था। 11 साल पुराने इसी एमओयू के तहत रावघाट से दल्ली राजहरा के बीच 95 किलोमीटर की रेललाइन का निर्माण कार्य चल रहा है।
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