यूपी में राज्यसभा के लिए आज होगा घमासान, आखिर किसके हिस्से आएगी 10वीं सीट
324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली भाजपा ने 10 सीटों के लिये नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिये चिंता का सबब है, क्योंकि अगर ‘क्रास वोटिंग‘ हुई तो विपक्ष के लिये मुसीबत होगी.
लखनऊ, 23 मार्च: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए शुक्रवार को होने वाले चुनाव में 10वीं सीट के लिए भाजपा की ओर से एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार देने से मुकाबला काफी रोचक हो गया है. यह चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिए सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की सम्भावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा.
राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक, करीब 25 साल के बाद ऐसा पहला मौका है जब बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के प्रति नरम रुख अपनाया है. यह आगे भी जारी रहेगा, इसका सारा दारोमदार राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर है. यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के गठबंधन की सम्भावनाओं पर निर्णायक असर डालेगा.
क्या हैं राज्य सभा का पूरा गणित
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद भी तकनीकी रूप से 10 वोट बच जाएंगे. बसपा के पास 19 वोट हैं. जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट है. ऐसे में इन दलों का गठबंधन ही दसवें सदस्य को राज्यसभा भेज सकता है, मगर जरा सी भी गड़बड़ी सारा गणित बिगाड़ सकती है.
बहरहाल, 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली भाजपा ने 10 सीटों के लिए नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि अगर ‘क्रॉस वोटिंग‘ हुई तो विपक्ष के लिए मुसीबत होगी.
अपने-अपने मतों को एकजुट रखने के लिए सपा और बसपा ने ‘डिनर डिप्लोमेसी‘ का सहारा लिया है. सपा ने बुधवार को अपने विधायकों को रात्रि भोज पर बुलाया था. बसपा मुखिया मायावती ने भी गुरुवार अपने विधायकों को रात के खाने पर आमंत्रित किया है.
कहीं नरेश अग्रवाल ना बन जाए बसपा के लिए मुसीबत का सबब
पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के भाजपा में जाने के बाद उनके सपा विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल के भी भाजपा के पक्ष में वोट करने की प्रबल सम्भावना है. लेकिन सपा के लिए राहत की बात रही कि कल हुए विधायकों के रात्रि भोज में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और कभी उनके प्रतिद्वंद्वी रहे शिवपाल यादव तथा निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शिरकत की. दोनों ने सपा का साथ देने की बात भी कही है.
कांग्रेस ने किया बसपा प्रत्याशी को समर्थन का एलान
वहीं, भाजपा की तरफ से भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास 5 कालीदास मार्ग पर बुधवार रात पार्टी के विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी. जिसमें पार्टी के सभी विधायक तो शामिल ही हुए थे. साथ ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सांसद नरेश अग्रवाल के पुत्र और सपा के विधायक नितिन अग्रवाल भी इस बैठक में शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी भी शामिल हुए थे.
भाजपा के लिए मुश्किलें कम नहीं
उधर, भारतीय जनता पार्टी के अतिरिक्त प्रत्याशी की जीत की राह इतनी आसान नहीं मालूम पड़ती है. हालांकि भाजपा के पास इतने वोट हैं कि वह आराम से अपने आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेज सकती है. लेकिन पार्टी के 9वें प्रत्याशी की जीत के लिए अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चार वोट और अपना दल सोनेलाल के नौ वोट बहुत महत्वपूर्ण हैं. लेकिन इसके बाद भी भाजपा के नौवें प्रत्याशी को जीतने के लिए नौ अतिरिक्त वोटों की जरूरत है.
राज्य विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटें हैं. अभी हाल ही में भाजपा के नूरपूर के विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेजने के बाद 28 अतिरिक्त वोट भाजपा के पास है. जिसमें सुभासपा के चार वोट और अपना दल सोनेलाल के आठ वोट भी शामिल हैं.
अपना दल और सुभासपा हैं भाजपा के साथ
अपना दल एस के अध्यक्ष आशीष पटेल ने मीडिया को बताया कि 'यूपी विधानसभा में पार्टी के नौ विधायक है और यह सभी विधायक भाजपा के साथ हैं. हमने अपने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी. जिसमें हमने भाजपा का साथ देने का फैसला सर्वसम्मति से लिया है. अपना दल का यह फैसला सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर द्वारा भाजपा के समर्थन देने के फैसले के एक दिन बाद आया है.
यूपी से राज्यसभा की 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने नौ प्रत्याशी उतारे है. इनमें अरुण जेटली, डॉ.अशोक वाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव और अनिल कुमार अग्रवाल है. जबकि सपा ने जया बच्चन और बसपा ने भीमराव आंबेडकर को मैदान में उतारा है.
बता दें, सपा के राज्यसभा सदस्यों नरेश अग्रवाल, दर्शन सिंह यादव, नरेश चन्द्र अग्रवाल, जया बच्चन, चैधरी मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी, भाजपा के विनय कटियार और कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसके अलावा मनोहर पर्रिकर और मायावती की सीट रिक्त है. राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 23 मार्च को होगा और परिणाम भी उसी दिन घोषित होंगे.
(साभार: न्यूज़ 18)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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