लखनऊ उ. प्र.: गोरखपुर उपचुनाव: क्या गोरक्षनाथ पीठ की दावेदारी इस बार भी रहेगी बरकरार?
बीजेपी ने साफ किया है कि दोनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान महाशिवरात्रि के बाद किया जाएगा.
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही प्रत्याशियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा खाली हुई सीट गोरखपुर में बीजेपी प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. मंगलवार को उपचुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी समेत किसी भी विपक्षी दल ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट होने की वजह से गोरखपुर की सीट हाई-प्रोफाइल हो चुकी है. इस सीट पर तीन दशकों से गोरक्षनाथ पीठ का कब्ज़ा रहा है. इस बार जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन चुके हैं, तो भावी उम्मीदवार पीठ से होगा या फिर बीजेपी-आरएसएस कैडर का इसको लेकर सुगबुगाहट तेज है.
हालांकि इस बीच बीजेपी ने साफ किया है कि दोनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान महाशिवरात्रि के बाद किया जाएगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में प्रत्याशी की घोषणा भी हो सकती है.
उपचुनावों के ऐलान के बाद से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार गोरखपुर का दौरा कर चुके हैं. मंगलवार शाम को भी मुख्यमंत्री गोरखपुर पहुंचे. बुधवार को उन्होंने बंद कमरे में क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ चुनाव को लेकर रणनीति को चर्चा भी की. हालांकि इससे पहले जब सीएम गोरखपुर गए थे तो उनसे पूछा गया था कि उम्मीदवार कौन होगा? इस सवाल का जावाब उन्होंने गोलमोल तरीके से देते हुए कहा था कि अपने बीच से ही कोई होगा.
लेकिन अगर जानकारों की मानें तो यह सीट बीजेपी की परम्परागत सीट में से एक है, लेकिन इसपर गोरक्षनाथ मंदिर का वर्चस्व देखने को मिला है. पहली बार बीजेपी इस सीट पर फुल टाइम कैडर के उम्मीदवार को खड़ा कर सकती है. पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीजेपी गोरखपुर सीट पर ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करना चाहती है जो बड़ी लकीर खिंच सके.
उम्मीदवार के सवाल पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं, “ उम्मीदवार का चयन पार्लियामेंट बोर्ड की तरफ से होता है. उम्मीदवार के चयन से पहले गोरखपुर जिले की बीजेपी यूनिट से राय ली जाएगी. उसके बाद बोर्ड किसी एक नाम पर सबकी सहमती से उम्मीदवार की घोषणा करेगा.”
हालांकि त्रिपाठी ये भी दावा करते हैं कि जिस किसी को भी पार्टी टिकट देगी वह गोरखपुर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा.
गोरक्षनाथ पीठ का रहा है दबदबा
1952 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजयनाथ 1967 निर्दलीय चुनाव जीता. उसके बाद 1970 में योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की. 1971 से 1989 के बीच एक बार भारतीय लोकदल तो कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा. लेकिन 1989 के बाद से सीट पर गोरक्षपीठ का कब्ज़ा रहा. महंत अवैद्यनाथ 1998 तक सांसद रहे. उनके बाद 1998 से लगातार पांच बार योगी आदित्यनाथ का कब्ज़ा रहा.
11 मार्च को होंगे उपचुनाव, नतीजे 14 को
गोरखपुर और फूलपुर लोक सभा सीट के लिए मतदान 11 मार्च को होगा. चुनावों के परिणाम की घोषणा 14 मार्च को होगी. गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.