
प्रमुख बंदरगाहों ने अप्रैल 2017-जनवरी 2018 के दौरान 4.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की
भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अप्रैल 2017 से लेकर जनवरी 2018 तक की अवधि के दौरान 4.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और कुल मिलाकर 560.97 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 536.41 मिलियन टन कार्गो का संचालन हुआ था।
अप्रैल 2017 से लेकर जनवरी 2018 तक की अवधि के दौरान आठ बंदरगाहों यथा हल्दिया सहित कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम, चेन्नई, कोच्चि, न्यू मंगलोर, जेएनपीटी और दीनदयाल ने कुल यातायात में वृद्धि दर्ज की है।
प्रमुख बंदरगाहों पर संचालित कार्गो यातायातः
-
कोचीन बंदरगाह ने सर्वाधिक वृद्धि (18.36 प्रतिशत) दर्ज की। इसके बाद पारादीप (16.01 प्रतिशत), हल्दिया सहित कोलकाता (13.47 प्रतिशत), न्यू मंगलोर (7.37 प्रतिशत) और जेएनपीटी (5.95 प्रतिशत) का नंबर आता है।
-
कोचीन बंदरगाह पर यातायात वृद्धि मुख्यतः इसलिए संभव हो पाई क्योंकि पीओएल (24.54 प्रतिशत), कंटेनरों (11.45 प्रतिशत) और अन्य विविध कार्गो (1.02 प्रतिशत) के यातायात में बढ़ोतरी हुई है।
-
अप्रैल 2017-जनवरी 2018 के दौरान दीनदयाल (कांडला) बंदरगाह ने सर्वाधिक यातायात अर्थात 90.99 मिलियन टन (16.22 प्रतिशत हिस्सेदारी) का संचालन किया। इसके बाद 84.57 मिलियन टन (15.08 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ पारादीप, 54.52 मिलियन टन (9.72 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ जेएनपीटी, 52.71 मिलियन टन (9.40 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ मुंबई और 52.44 मिलियन टन (9.35 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ विशाखापत्तनम का नंबर आता है। कुल मिलाकर इन पांचों बंदरगाहों ने प्रमुख बंदरगाह यातायात के लगभग 60 प्रतिशत का संचालन किया।
-
-
जिन्स-वार सर्वाधिक हिस्सेदारी पीओएल की रही (33.74 प्रतिशत)। इसके बाद कंटेनर (19.70 प्रतिशत), थर्मल एवं स्टीम कोल (13.72 प्रतिशत), अन्य विविध कार्गो (12.09 प्रतिशत), कोकिंग एवं अन्य कोल (7.60 प्रतिशत), लौह अयस्क एवं छर्रे (6.72 प्रतिशत), अन्य द्रव (4.15 प्रतिशत), तैयार उर्वरक (1.17 प्रतिशत) और एफआरएम (1.11 प्रतिशत) का नंबर आता है।
-
swatantrabharatnews.com