
संवैधानिक जंग- सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश बनाम 4 वरिष्ठ न्यायाधीश -
कोलेजियम अच्छा काम करेगा तो लोकतंत्र बचेगा ___ वरिष्ठ न्यायाधीश
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के वक्तव्य पर चिंता जाहिर की और ट्वीट कर प्रधानमंत्री से पूछा की क्या लोकतंत्र व् न्यायपालिका की सार्वभौमिकता और विश्वाश्नीयता खतरे में नहीं है?-
चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं. जजों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हम पर कोई आरोप लगाए. यही पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की हो. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे.
यूपीए सरकार में कानून मंत्री रह चुके अश्विनी कुमार ने जज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा कि ये न्यायपालिका की छवि के लिए बड़ा नुकसान है. वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने इस पूरे मामले पर कहा कि ये न्यायपालिका के लिए काला दिन है. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हर कोई न्यायपालिका के फैसले को शक की निगाहों से देखेगा. उन्होंने कहा कि अब से हर फैसले पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे.सीजेआई पर जज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी बोले- पीएम मोदी को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
(साभार:- मल्टी मीडिया और You Tube)
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