
पूर्वावलोकन: राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2025: मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भुवनेश्वर में इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे
नई दिल्ली (PIB): भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने, मछली आधारित प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मत्स्यपालकों के अटूट समर्पण की स्वीकृति स्वरूप राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है। उनके प्रयास न केवल लाखों लोगों की आजीविका को बनाए रखते हैं बल्कि राष्ट्र के स्थायी जलीय कृषि और एक संपन्न नीली अर्थव्यवस्था की परिकल्पना में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस, भारतीय मत्स्यपालन क्षेत्र में प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. केएच अलीकुन्ही के योगदान को सम्मानित करने और स्मरण करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने 1957 में इसी दिन भारतीय मेजर कार्प्स में हाइपोफिसेशन तकनीक द्वारा प्रेरित प्रजनन का मार्गदर्शन किया था। इसी से अंतर्देशीय जलीय कृषि में क्रांति आई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य, देश के मत्स्यपालन क्षेत्र के विकास में मछलीपालकों, उद्यमियों और मछुआरों द्वारा किए गए योगदान को स्वीकृति देना और हमारे मत्स्य संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से विचार करने व चर्चा करने के लिए एक व्यवस्था बनाना है। राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मछली आधारित प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और देश की खाद्य सुरक्षा में योगदान देने में मछलीपालकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। यह आधुनिक जलीय कृषि तकनीकों को अपनाने, मछली उत्पादकता में सुधार करने और जलीय संसाधनों के संरक्षण में उनके समर्पण और नवाचार को उजागर करता है। पिछले कुछ वर्षों में, मत्स्यपालन क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी पहलों के चलते उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है।
भारत सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र को समग्र रूप से बदलने और देश में नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक सुधार और समृद्धि लाने में हमेशा सबसे आगे रही है। 2015 से, भारत सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपए का संचयी निवेश किया है।
इन प्रयासों के फलस्वरूप, भारत का मछली उत्पादन दोगुना से भी अधिक हो गया है। यह वित्त वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 195 लाख टन हो गया है। यानी इसमें 104 प्रतिशत की वृद्धि आई है। केवल अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में 140 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो भारत के जल संसाधनों और सरकार की साहसिक पहलों की क्षमता को दर्शाता है।
समुद्री खाद्य निर्यात 60,500 करोड़ रुपए को पार कर गया है, जिससे झींगा निर्यात में भारत की वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि होती है। पिछले दशक में झींगा उत्पादन में 270 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे लाखों रोजगार पैदा हुए हैं और देश में मछुआरे समुदाय को सशक्त बनाया गया है।
मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय 10 जुलाई 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय मीठाजल जीवनपालन अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2025 मना रहा है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायत राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज्य मंत्री. प्रो. एसपी सिंह बघेल, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और ओडिशा सरकार के मत्स्य पालन मंत्री श्री गोकुलानंद मलिक शामिल होंगे।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री मत्स्य पालन से जुड़ी कई प्रमुख पहलों की शुरुआत करेंगे। इनमें नए मत्स्य पालन क्लस्टरों की घोषणा, आईसीएआर प्रशिक्षण कैलेंडर जारी करना और मत्स्य पालन क्षेत्र में गुणवत्ता, मानकीकरण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बीज प्रमाणीकरण और हैचरी संचालन पर दिशा-निर्देशों का अनावरण शामिल है। केंद्रीय मंत्री पारंपरिक मछुआरों, सहकारी समितियों/एफएफपीओ, केसीसी कार्डधारकों और मत्स्य पालन स्टार्ट-अप सहित मत्स्य पालन लाभार्थियों को भी सम्मानित करेंगे। इसके अलावा, वर्चुअल आधारशिला रखी जाएगी और पीएमएमएसवाई-समर्थित मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जो इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, उद्यमिता को बढ़ावा देने और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।
केंद्रीय मंत्री मुख्य भाषण भी देंगे जिसमें वे इस क्षेत्र की प्रगति पर प्रकाश डालेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीनतम रुझानों, सर्वोत्तम नियमों और उभरते अवसरों के बारे में बहुमूल्य जानकारी देंगे। देश भर की राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी इस समारोह में भाग लेंगे।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग देश भर के मछली पालकों और मछुआरों के अथक प्रयासों को स्वीकार करता है, जिनके समर्पण और कड़ी मेहनत ने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई है। यह उत्सव उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
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