
भारत ने विश्व बैंक के साथ 250 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए
यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि, इस क़र्ज़ की वापसी कौन करेगा और कैसे ?-
देश के लोगों के ऊपर क़र्ज़ का बोझ डालने का कडा बिरोध और निंदा ____ सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव (प्रदेश अध्यक्ष-लो. स. पा.)
आजीविका बढ़ाने के लिए कौशल अर्जन और ज्ञान के प्रति जागरुकता (संकल्प) परियोजना के लिए आज भारत ने विश्व बैंक के साथ 250 मिलियन अमरीकी डॉलर के आईबीआरडी ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर भारत की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री जुनैद कमाल अहमद ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
परियोजना का उद्देश्य कौशल विकास के लिए संस्थागत तंत्र को बढ़ावा देना और कार्यबल की गुणवत्तापूर्ण और बाजार अनुकूल प्रशिक्षण तक पहुंच बढ़ाना है।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने विश्व बैंक के साथ 250 मिलियन अमरीकी डॉलर के आईबीआरडी ऋण पर हश्ताक्षर करने की तीब्र निंदा करते हुए कहा कि, ऋण लेकर घी नहीं पीना चाहिए। सब्सिडी ख़त्म हुयी, टैक्स पर टैक्स बढ़ा, और महंगाई महिषासुर कि तरह बढ़ी तो मोदी सरकार बताये कि, इस क़र्ज़ कि अदायगी के लिए अब जनता के ऊपर कौन सा आरा चलाना है.यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि, इस क़र्ज़ की वापसी कौन करेगा और कैसे ?-