राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) ने थाईलैंड सरकार के थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए: आयुष
आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा में अकादमिक सहयोग की स्थापना करने के लिए समझौता ज्ञापन किया गया
नई-दिल्ली (PIB): आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर और थाईलैंड सरकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने नई दिल्ली में आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा में एक अकादमिक सहयोग की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
27 फरवरी (मंगलवार) को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक आयोजित की गई। श्री बी.के.सिंह, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और डॉ तवीसिन विसानुयोथिन, महानिदेशक, थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग, थाईलैंड ने इस कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
यह पहल प्रतिभागियों की समानता एवं पारस्परिक लाभ के आधार पर, आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने, सुविधा प्रदान करने और विकसित करने के लिए की गई है।
यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों, शैक्षणिक एवं तकनीकी गतिविधियों के लिए विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करने, अनुसंधान, सूचना, प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान एवं पारंपरिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का संचालन करने की सुविधा प्रदान करेगा।
प्रतिभागी अकादमिक एवं तकनीकी गतिविधियों को सुविधापूर्ण बनाने तथा आपसी लाभ के लिए अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करने एवं बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। इनमें अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विशेषज्ञों, शिक्षण प्रशिक्षकों, चिकित्सकों और छात्रों का आदान-प्रदान और समायोजन तथा ज्ञान, अनुभव, सूचना, प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना शामिल है। साथ ही शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना, प्रतिभागियों की आपसी सहमति से प्रतिभागियों और सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों द्वारा आयोजित सम्मेलनों, कार्यशालाओं, सेमिनारों और कार्यक्रमों में विशेषज्ञों की भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
इस समझौता ज्ञापन के दौरान, प्रतिभागी अपनी क्षमताओं के आधार पर थाईलैंड और भारत में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करके समानता एवं पारस्परिक लाभ के आधार पर आपसी सहयोग और सहयोगात्मक गतिविधियों के साथ एक-दूसरे का समर्थन करेंगे, दोनों देशों में व्याप्त सामान्य रोगों पर सहयोगात्मक अनुसंधान अध्यन आयोजित करेंगे, जिसमें प्रतिभागियों और नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों का दौरा और विचारों का आदान-प्रदान करना शामिल है। एनआईए और थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग, थाईलैंड का नियामक तंत्र अपने सर्वोत्तम अभ्यास और अभ्यास के दिशा-निर्देशों और अध्ययन एवं प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों पर अपनी-अपनी जानकारी साझा करेंगे, जिसमें भारत और थाईलैंड में बारी-बारी से सम्मेलनों/बैठकों का आयोजन करना और समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना और सहयोगी कार्यक्रमों के परिणामों का मूल्यांकन करना शामिल है।
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