इफको ने डीएपी खाद के दामों में बेतहाशा बृद्धि करके किसानों को सदमे में डाल दिया: रामचंद्र सिंह
"किसानों के हड्डी के ऊपर कबड्डी खेलने वालों सम्भल जाओ, जब अन्नदाता की आह लगेगी तो तुम्हारा घर जलने से अछूता नही रहेगा।"
पडरौना (उत्तर प्रदेश): वेटरनस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष- रामचन्द्र सिंह ने बताया कि, इफको ने डीएपी खाद के दामों में बेतहाशा बृद्धि करके किसानों को सदमे में डाल दिया है।
उन्होंने बताया कि, एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी दौर से गूजर रहा है और देश की अर्थव्यवस्था डी-रेल हो चुकी है और दूसरी ओर देश की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाला किसान रासायनिक खाद के दामों में बेतहाशा बृद्धि की मार झेल रहा है।
रामचंद्र सिंह ने बड़े ही क्षुब्ध होकर कहा कि, 2014 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना था कि यदि भाजपा की सरकार केन्द्र में बनती है तो हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की सिर्फ झूठा दम भरती रही परन्तु, देश के अन्नदाता की आय आज-तक दोगुनी तो नही हुयी, हाँ देश का अन्नदाता (किसान) कर्जदार जरूर हो गया। यह सब मोदी जी की सिर्फ पब्लिकसिटी स्ट्रन्ट बनकर रह गया।
किसान नेता - रामचंद्र सिंह ने बताया कि, देश का अन्नदाता अपने वाजिब मांगों को लेकर बीते पांच महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहे है और देश की सबसे बड़ी खाद विक्रेता इफको ने उर्बरको की कीमत में ज्यादा इजाफा करने की तैयारी में लगा हुआ है। एक इफको खाद विक्रेता जो नाम नही प्रकाशित करने के शर्त पर अवगत कराया और इफको द्वारा रेट लिस्ट दिखाया जिसमे डीएपी खाद की कीमत 1900/- रुपये प्रति बैग 50 किलो, एनपीके 10-26-26 1775/- रुपये प्रति बैग 50 किलो, एनपीके 12-32-16 1800/- प्रति बैग 50 किलो, एनपी 20-20-0-13 1350/- प्रति बैग 50 किलो, एनपीके 15-15-15 1500/- प्रति बैग 50 किलो करके किसानों की कमर को ही तोड़ने में लगी है। जो डीएपी खाद कुछ महीने पूर्व 1200 रुपये में मिलती थी उसके दामों में भारी मात्रा में बृद्धि की गयी है। जो यूरिया खाद 50 किलो की बोरी आती थी आज वह सिर्फ 45 किलो की बोरी हो गयी है और उसके मूल्य में कोई कटौती नही किया गया। देश का अन्नदाता यूरिया के बाद सबसे अधिक डीएपी और एनपीके 12-32-16 इफको खाद का इस्तेमाल करते है। एनपीके खाद के भाव भी आसमान छू रहे है। जबकि इस पांच महीने में डीजल, पेट्रोल के बाद खाद इतनी महंगी होगी किसानों ने अन्दाजा नही लगाया था। इन सब समानों के दामों में बृद्धि हो जाने से किसान सदमें में है और किसानों का कहना है की खेती अब घाटे का सौदा सिद्ध हो रहा है।
आगे श्री सिंह ने कड़े शब्दों में कहा है कि, "किसानों के हड्डी के ऊपर कबड्डी खेलने वालों सम्भल जाओ, जब अन्नदाता की आह लगेगी तो तुम्हारा घर जलने से अछूता नही रहेगा।"