21वीं सदी धरती की नहीं, बल्कि समुद्र, आकाश और अंतरिक्ष की सदी होगी, आत्मनिर्भर मेरीटाइम क्षेत्र नए भारत तथा आत्मनिर्भर भारत का आधार स्तंभ होगा
मेरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2021 “चाबहार दिवस” के साथ संपन्न
नई-दिल्ली (PIB): दूसरा वर्चुअल मेरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन-2021 आज संपन्न हो गया। तीन दिन का यह सम्मेलन विश्व का सबसे बड़ा वर्चुअल मेरीटाइम शिखर सम्मेलन था।
चाबहार दिवस सत्र में प्रमुख भाषण देते हुए बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि ‘चाबहार बंदरगाह परियोजना’ को भारत तथा यूरेशिया के बीच क्रॉस कनेक्टीविटी के लिए ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चाबहार में 130 जहाजों तथा कुल 13,752 टीईयू और 18 लाख टन बल्क/जनरल कार्गो का निस्तारण किया गया। श्री मंडाविया ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान क्षेत्र के लिए मानवीय सहायता देने में चाबहार बंदरगाह कनेक्टिंग प्वाइंट के रूप में उभरा है। श्री मंडाविया ने मेरीटाइम क्षेत्र पर बल देते हुए कहा कि 21वीं सदी धरती की सदी नहीं होगी, बल्कि समुद्र, आकाश तथा अंतरिक्ष की सदी होगी।
मेरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन-2021 के समापन सत्र में बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव श्री संजय बंधोपाध्याय ने बताया कि सम्मेलन के लिए लगभग 1.90 लाख प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराए। विभिन्न सत्रों में 11 देशों के 16 मंत्री शामिल हुए। विभिन्न सत्रों में 6 केंद्रीय मंत्री, तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और दो राज्यमंत्री शामिल हुए। सीईओ फोरम के दौरान 31 अंतर्राष्ट्रीय तथा 24 भारतीय सीईओ सहति कुल 55 सीईओ ने भाग लिया। 18 पेवेलियनों तथा 17 बूथों पर कुल 110 एक्जीविटरों ने प्रदर्शनी दिखाई। इससे 5,540 बीटूबी बैठकें हुईं। तीन दिन के सम्मेलन में 64,000 से अधिक आगंतुक शामिल हुए।
श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मेरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन-2021 के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉन्च मेरीटाइम इंडिया वीजन-2030 इस सम्मेलन से सशक्त और मजबूत होगा। एमआईएस-2021 के कारण भारत के प्रति विश्व की आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते रहना है। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान हुए समझौता ज्ञापनों के परिणाम हमारे समर्पण और फोकस से किए गए प्रयासों से सफल होंगे। श्री मंडाविया ने कहा कि आत्मनिर्भर मेरीटाइम क्षेत्र नए भारत और आत्मनिर्भर भारत का आधार स्तंभ होगा।