रायगढ़-पुगलुर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) पोल-1 का कमर्शियल संचालन शुरू
नई-दिल्ली (PIB): {1500 मेगावाट (एमडब्ल्यू)} +800 किलोवाट (केवी), रायगढ़ एचवीडीसी टर्मिनल स्टेशन छत्तीसगढ़ और पुगलुर एचवीडीसी टर्मिनल स्टेशन तमिलनाडु एवं रायगढ़ से पुगलुर तक 1765 किलोमीटर लंबी ± 800 किलोवाट एचवीडीसी लाइन और तमिलनाडु में दो लाइनों को मिलाकर बनी रायगढ़ पुगलुर एचवीडीसी पारेषण प्रणाली के पोल-1 का पावरग्रिड ने संचालन शुरू किया है। पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न उद्यम है, जो पश्चिमी क्षेत्र से दक्षिणी क्षेत्र तक विश्वसनीय और गुणवत्ता युक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1500 मेगावाट के विद्युत प्रवाह को सुगम बनायेगा।
पावरग्रिड ने विभिन्न चुनौतियों और कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों के बावजूद इस विशाल प्रणाली को अपनी व्यावसायिक विशेषज्ञता और परियोजना प्रबंधन क्षमताओं के कारण पूरा किया है।
पोल-1 की क्षमता 1500 मेगावाट है, यह पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्र के बीच 6000 मेगावाट की रायगढ़-पुगलुर एचवीडीसी परियोजना का पहला चरण है। जिसकी छत्तीसगढ़ राज्य में स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) द्वारा अति आधुनिक एचवीडीसी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उत्पादित बड़ी मात्रा में विद्युत की निकासी के लिए कल्पना की गई है। इस परियोजना के बकाया हिस्से का कार्यान्वयन प्रगति चरण में है और इसे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान चरणबद्ध तरीके से एकीकृत किया जाएगा।
पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड), भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक 'महारत्न' उद्यम है और यह अति आधुनिक रखरखाव तकनीकों, स्वचालन और डिजिटलीकरण के उपयोग के साथ 99 प्रतिशत से अधिक औसत पारेषण प्रणाली का रखरखाव कर रहा है। 31 अगस्त, 2020 के अनुसार पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल पारेषण परिसंपत्तियां में 164,511 किलोमीटर लंबी पारेषण लाइनें, 249 सब-स्टेशन शामिल हैं और इसकी पारेषण क्षमता 414,774 एमवीए है।
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