केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर ईपीएफ सदस्यों द्वारा गैर-वापसी योग्य अग्रिम धननिकासी की अनुमति देने के लिए ईपीएफ योजना में संशोधन को अधिसूचित किया
संशोधन को लागू करने के लिए ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए
नई-दिल्ली: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने रविवार को बताया कि, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा ईपीएफ योजना में संशोधन के लिए जारी की गई अधिसूचना जीएसआर 225(ई), देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ईपीएफ सदस्यों/अभिदाताओं द्वारा गैर-वापसी योग्य अग्रिम धननिकासी की अनुमति प्रदान करती है। महामारी या वैश्विक महामारी के फैलने की स्थिति में यह अधिसूचना धननिकासी की अनुमति देती है जो तीन महीनों के मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते या सदस्य के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
कोविड-19 को उचित प्राधिकरणों द्वारा पूरे देश के लिए महामारी घोषित किया गया है इसलिए पूरे भारत के प्रतिष्ठानों और कारखानों के कर्मचारी जो ईपीएफ योजना के सदस्य हैं, गैर-वापसी योग्य अग्रिम के लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 68एल में उप-अनुच्छेद(3) जोड़ा गया है। संशोधित योजना-कर्मचारी भविष्य निधि (संशोधन) योजना, 2020 को 28 मार्च, 2020 से लागू किया गया है।
अधिसूचना जारी होने के बाद, ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि परिस्थिति का सामना करने में सहायता प्रदान करने के लिए ईपीएफ सदस्यों के आवेदनों पर त्वरित निर्णय लिए जाने चाहिए। ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ईपीएफ सदस्यों के दावों पर अधिकारी और कर्मचारी जल्द निर्णय लें ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कामगारों और उनके परिजनों तक राहत जल्द से जल्द पहुंचे।
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