स्वतंत्र भारत न्यूज़ का असर: मोदी सरकार कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश भर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने को प्रतिबद्ध : केंद्रीय गृह मंत्री
स्वतंत्र भारत न्यूज़ swatantrabharatnews.com का असर
> लॉकडाउन के उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और प्रवासी कामगारों की आर्थिक दिक्कतें की जाएं दूर: अमित शाह
> गृह मंत्री जी को 'धन्यवाद' कि, उन्होंने हमारे सुझावों पर कुछ विलम्ब से ही सही पर आज 29 मार्च को आंशिक सहमति दी तथा मकान मालिकों को मजदूरों से 1माह तक किराया नहीं लेने का आदेश दिया तथा निश्चित समय पर उन्हें वेतन भुगतान करने का आदेश दिया: रघु ठाकुर
> चलो, जब जागे तभी सबेरा। जो मित्र मेरे लिखने से दुखी थे और सोशल मीडिया से क्या होता है कह रहे थे, शायद सोशल मीडिया और मीडिया की भूमिका व अपना दायित्वमहसूस करें: रघु ठाकुर
नई-दिल्ली/लखनऊ: स्वतंत्र भारत न्यूज़ swatantrabharatnews.com ने अपने 27 मार्च के राष्ट्रीय समाचार में विशेष: कोरोना वायरस महामारी: आक्रोश: रघु ठाकुर प्रकाशित किया था और संपादक ने देश के प्रधानमंत्री से पूछा था कि, "●क्या रघु ठाकुर द्वारा उठाए ज्वलंत प्रश्नों का प्रधानमंत्री उत्तर देंगे या गलती सुधारेंगे: एस. एन. श्रीवास्तव, संपादक●" जिसका व्यापक असर हुआ और प्रधानमंत्री ने महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के सुझाव को स्वीकार किया और अपनी गलतियों में सुधार करते हुए रविवार 29 मार्च को आंशिक सहमति दी तथा मकान मालिकों को मजदूरों से 1 माह तक किराया नहीं लेने का आदेश पारित किया और केंद्रीय गृह मंत्री ने मोदी सरकार द्वारा कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश भर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने को प्रतिबद्ध दोहराई, जिसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्वतंत्र भारत न्यूज़ की तरफ से साधुवाद।
ख्यातिनाम गाँधीवादी- समाजवादी चिन्तक व विचारक तथा शहीद-ए-आजम भगत सिंह व डाॅ. लोहिया के समतामूलक समाज संरचना हेतु समर्पित- रघु ठाकुर, संस्थापक व राष्ट्रीय संरक्षक- लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने कहा तथा शोसल मीडिया पर भी लिखा कि, "गृह मंत्री जी को धन्यवाद कि, उन्होंने हमारे सुझावों पर कुछ विलम्ब से ही सही पर आज 29 मार्च को आंशिक सहमति दी तथा मकान मालिकों को मजदूरों से 1 माह तक किराया नहीं लेने का आदेश दिया तथा निश्चित समय पर उन्हें वेतन भुगतान करने का आदेश दिया। चलो, जब जागे तभी सबेरा।"
इसके साथ ही उन्होंने "फेसबुकिये बाहुबलियों" के लिए कहा और लिखा कि, "जो मित्र मेरे लिखने से दुखी थे औरसोशल मीडिया से क्या होता है कह रहे थे शायद सोशल मीडिया और मीडिया की भूमिका व अपना दायित्वमहसूस करें।"
रविवार 29 मार्च को नई-दिल्ली में गृह मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने के दृष्टिकोण के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के वास्ते उचित कदम उठाने के लिए राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के साथ संवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने इस अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों की आर्थिक दिक्कतों को दूर करने पर भी चर्चा की।
केंद्रीय गृह मंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत गृह सचिव ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों को अपने गृह राज्य जाने से रोकने के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त राहत शिविर बनाने और उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर करने के वास्ते कदम उठाने को लिखा है, जिससे कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।
लॉकडाउन के कदमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और पलायन करने वाले कामगारों की आर्थिक दिक्कतें दूर करने के लिए सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को निम्नलिखित अतिरिक्त कदम उठाने की सलाह दी गई है:
- राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारें लॉकडाउन के कारण संबंधित इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों के साथ ही गरीब और वंचित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें और खाद्य आदि का प्रावधान करें;
- अपने गृह राज्यों या गृह नगर जाने के लिए निकलने वाले प्रवासी लोगों को संबंधित राज्य/ गृह नगरों द्वारा पर्याप्त जांच के बाद नजदीक के आश्रय स्थल पर कम से कम 14 दिन तक के लिए क्वारंटाइन (एकांतवास) में रखा जाए। इस दौरान मानकीकृत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए;
- उद्योग या दुकानें या कोई अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हो, सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान उनके प्रतिष्ठान बंद रहने की अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के अपने कार्यस्थल पर निश्चित तारीख पर ही भुगतान करें;
- यह सुनिश्चित किया जाए कि किराये के घर में रहे प्रवासियों सहित सभी कामगारों से मकान मालिकों को एक महीने के किराये की मांग नहीं करनी चाहिए।
- अगर कोई मकान मालिक जबरन किसी कामगार और छात्र से अपना घर खाली करने के लिए कहता है तो उनके खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि उक्त निर्देशों में से किसी एक के उल्लंघन पर संबंधित राज्य/ संघ शासित क्षेत्र की सरकार को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जरूरी कदम उठाने होंगे और जिलाधिकारी/ उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपायुक्त उक्त दिशानिर्देशों और पूर्व में जारी लॉकडाउन के उपायों को लागू करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।
राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को जारी एमएचए का आदेश..
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