आप-बीती और बोलती तश्वीरें: रेल में भ्रष्टाचार- लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- सच्चिदानन्द श्रीवास्त ने रेल प्रशासन से की क्षति पूर्ति की मांग!
- उ•रे• के लखनऊ स्टेशन पर तैनात "IRTS अधिकारी- स्टेशन प्रबंधक" के कार्यालय पर मिला ताला।
- रेल डिब्बों के निर्माण और स्वचालित सीढियों के निर्माण में चल रहा है भारी भ्रष्टाचार।
- आखिरकार, उ•रेलवे के लखनऊ स्टेशन पर तैनात IRTS अधिकारी की ड्यूटी और जिम्मेदारी क्या है, जब वे ट्रेनों के आगमन पर भी अपने कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहते और न ही नवनिर्मित स्वचालित सीढी को (निचे से ऊपर जाने वाली) चलवा पाते ?-
(सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष-उ•प्र•)
लखनऊ: 31 मार्च 2019 को लोसपा के प्रदेश अध्यक्ष (उ•प्र•)- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने अंबाला से चंडीगढ़-लखनऊ सुपर फस्ट एक्सप्रेस के ए•सी•3टियर के B-3 कोच में अपने आरक्षित बर्थ संख्या- 20 पर लखनऊ के लिए अपनी रेल यात्रा प्रारम्भ की।
परन्तु जब वे अपने पैर की टूटी कटोरी के कारण पाश्चात्य शैली के शौचालय में जाने लगे तो उसमें दरवाजा खोलने पर अंदर जाने और अंदर जाकर दरवाजा बंद करने का समुचित स्थान नहीं होने के कारण शौचालय का उपयोग नहीं कर पाए और जब ट्रेन लखनऊ पहुँची और वे ट्रेन से उतरकर स्वचालित सीढी का उपयोग कर बाहर निकलना चाहे तो देखा कि, "स्वचालित सीढी बंद है"। वे किसी प्रकार सहयात्रियों के सहयोग से सीढी चढकर बाहर आये तथा स्टेशन पर तैनात IRTS अधिकारी- स्टेशन प्रबंधक से मिलने पहुँचे जहाँ ताला बंद था।
तत्पश्चात वे उप-वाणिज्य प्रबंधक से मिले और शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज की और रेल प्रशासन से अवांछित पीड़ा/ अपूर्णीय क्षति के लिए कम्पेन्शेसन की मांग की, जिस पर वाणिज्य प्रबंधक ने मौके पर बंद सीढी देखी और बताए कि, "वे स्वयं भी इस समस्या को मीटिंग्स में उच्च अधिकारियों के समक्ष रख चुके हैं परन्तु ट्रेड वर्किंग है। हम प्रयास कर रहे हैं"।
श्रीवास्तव ने बताया कि आज-कल रेल में कर्मचारियों की भारी कमी के कारण रेल के अधिकारी, ठेकेदारी पर काम करा रहे हैं और भारी कमीशनखोरी तथा भ्रष्टाचार के कारण कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने इन फोटो को ट्वीटर पर शेयर भी किया।
निचे प्रस्तुत है बोलती तश्वीरें:-
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