सीएम योगी ने खोला 400 साल से अकबर के किले में बंद अक्षयवट का प्रवेश द्वार
कुंभ में अक्षय वट के दर्शन के बिना स्नान और पूजा अधूरी मानी जाती है।
प्रयागराज: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीर्थराज प्रयाग में अक्षयवट का प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजा के लिए गुरुवार को खोल दिया। इसके साथ ही अक्षयवट का द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए भी खोल दिया गया। सीएम ने यहां सरस्वती कूप में स्थापित सरस्वती की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की। मान्यता है कि कुंभ में अक्षय वट के दर्शन के बिना स्नान और पूजा अधूरी मानी जाती है। कई दशकों से यह अक्षयवट किले में सेना की सुरक्षा में था। लेकिन इस बार कुंभ में स्नान के बाद श्रद्धालु अक्षय वट के दर्शन कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मूल अक्षयवट दर्शन का श्रीगणेश करने के साथ परिक्रमा भी की।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मूल अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन कर आम जनमानस के लिए इसे खोल दिया। 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में इसे खोलने का ऐलान किया था। इस क्रम में सेना और प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने रास्ता बनाने का काम किया।
गुरुवार को दोपहर 12 बजे किला पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर शिलापट का लोकार्पण किया। इसके बाद मूल अक्षयवट के दर्शन किए। बाद में सरस्वती कूप के दर्शन कर नई स्थापित सरस्वती प्रतिमा का पूजन किया। बगल में छोटी सरस्वती प्रतिमा के नीचे से सरस्वती कूप का जल निकाला गया है, जो वापस कूप में जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस जल को माथे से लगाया। मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री डाॅ• रीता बहुगुणा जोशी, नंद गोपाल गुप्ता नंदी तथा कई अन्य अधिकारी जन मौजूद रहे।
मुगल सम्राट अकबर ने अक्षय वट को किले में बंद करवा दिया था। बताया जाता है कि अक्षय वट वृक्ष के पास कामकूप नाम का तालाब था। मोक्ष प्राप्ति के लिए लोग यहां आते थे और वृक्ष पर चढ़कर तालाब में छलांग लगा देते थे। अकबर को जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने पेड़ को किले के अंदर कैद करवा दिया और तालाब को बंद करवा दिया।
अजीत सोनी, संवाददाता
swatantrabharatnews.com