सारे देश की राजनीति फिर हिन्दू मुस्लिम विभाजन की और ढकेली जा रही है.... मोदी जी व श्री राहुल जी मौनव्रत पर हैं: रघु ठाकुर
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मन्दिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश का आदेश देकर समता का निर्णय दिया है जो संविधान संगत है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचाारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने कहा कि, "परम्पराएँ परिवर्तन शील होती हैं जिन्हें समयोनुकूल बनाना प्रबुध्द समाज का दायित्व व पहचान होती है।
समाज ने इसी प्रकार सतीप्रथा को व कई अतार्किक परम्पराओं को त्यागा।
परन्तुज्यों ज्यों हम आधुनिकता और तकनीक भोगी बन रहे हैं हमारा मानस अवैज्ञानिक व अतार्किक बन रहा है।लोग परम्परा के नाम पर कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं।
कहा जाता है कि भगवान अयप्पा ब्रम्हचारी थे।पर जो महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं क्या उन्हें अपने भगवान पर उनकी संकल्प क्षमता पर आस्था नहीं है।
दुखद यह है कि स्वतः महिलाओं को इस विरोध में आगे कर दिया गया है जिस प्रकार तीन तलाक या हिलाला के मामले में किया गया है।
आज भी नारी अपने आप को मानसिक रूप से पुरुष वर्चस्व से मुक्त नहीं कर पा रही।वे क्रांतिकारी लोग एन जी ओ व नारीवादी महिला संगठनों की पीड़ादायक है।
बात बात में प्रगतिशीलता का दावा व दम्भ करने वाले वामपंथी दल उनके महिला संगठन छात्र संगठन इस परमुखर नजर नहीं आरहे।
भाजपा इसे दक्षिण के राजनीतिक एजेंडा के रूप में देख कर ऊपर से चुप भीतर से सक्रिय नजर आ रही है।
कांग्रेस भी वोट के लिए महिला विरोधी पुरुष नियंत्रित महिला विरोध में हिस्सेदार है।
वामपंथी मौन हैं व मुमन्त्री जी विदेश चले गए हैं।
हिंदूवादी संगठन यह भूल रहे हैं कि अगर कोर्ट का आदेश जनदवाब के नाम पर बदला गया तो तीन तलाक भी वापिस लौटेगा।
सारे देश की राजनीति फिर हिन्दू मुस्लिम विभाजन की और ढकेली जा रही है।
महिलाओं के अधिकारोँ को चिंतित श्री मोदी जी व श्री राहुल जी मौनव्रत पर हैं।यहाँ फिर लोहिया की प्रासंगिकता नजर आती है।
आज लोहिया होते तो हार का जोखिम लेकर भी महिलाओं के प्रवेश के साथ खड़े होते वह चाहे सबरीमाला हो या मुम्बई का हाजीअली।"
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