कारिडोर के नाम पर भगवान शिव की काशी में भगवान शंकर का अपमान!
- शिव संहार के देवता हैं, चेते नहीं यदि आप तो परिणाम भुगतने को तैयार रहिए।
वाराणसी (उ• प्र•): प्रधानमंत्री- नरेन्द्र मोदी के संंसदीय क्षेत्र शिव की नगरी वाराणसी में प्राचीन मंदिरों, देव विग्रहों की रक्षा के लिए आंदोलनरत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद उपवास पर बैठे हैं।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि काशी का पक्का महाल ऐसे वास्तु विधान से बना है जिसे स्वयं भगवान शिव ने मूर्तरूप दिया था। ऐसे में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण पक्का महाल के पौराणिक मंदिरों और देव विग्रहों को नष्ट करने से काशी ही नष्ट हो जाएगी।
स्वामी अविमुक्तेेश्वरानंद ने लगभग चार घंटेे पहलेे ट्वीट कर मोदी जी से आग्रह किया है कि, "कारिडोर के नाम पर भगवान शिव की काशी में भगवान शंकर का अपमान ना करें आदरणीय मोदी जी !!
शिव संहार के देवता हैं, चेते नहीं यदि आप तो परिणाम भुगतने को तैयार रहियेे।
नोट - कॉरिडोर योजना के अन्तर्गत तोड़े गए मन्दिर का ये दृश्य दो दिन पूर्व का है।"
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