मोदी पर पलटवार: देश को धोखा देना बन्द करें, मोदी
■देश में पूर्ण नशाबन्दी लागॣ किए बगैर देश में चरित्रनिर्माण, मानवीय मूल्यों को सुरक्षित रखना तथा आयुष्मान-भारत और जन-आरोग्य असम्भव■
■विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 2.6 लाख भारतीयों की मौत शराब के कारण हो रही है।"
अतैव सबसे पहले सरकार मौत बेचना बन्द करे और देश में पूर्ण नशाबन्दी लागॣ करे।
■देश को सपने दिखाकर धोखा देना बन्द करें।■
[सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•)- लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी]
प्रधानमंत्री- श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में पुनरुत्थान के लिए शिक्षा पर अकादमिक नेतृत्व से संबंधित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए "चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों तथा आयुष्मान भारत और जन आरोग्य" एवम् हरिद्वार में किए जाने वाले "ज्ञान-कुम्भ" के आयोजन पर तीखी प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष(उ• प्र•)- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए पूछा कि, प्रधानमंत्री जी बतायें कि,
"क्या पोर्न साइट व शिक्षण संस्थानों, पार्क, गली-मुहल्लों तक में सरकारी शराब व वियर की दुकान खोलकर शराब/वियर तथा नशे की और सामग्रियों को बेचने व देश के युवाओं तक में नशाखोरी बढ़ाने से "चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों की रक्षा तथा आयुष्मान भारत और जन आरोग्य" के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है ?-
यदि नहीं, तो
प्रधानमंत्री- मोदी जी "चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों की रक्षा तथा आयुष्मान भारत और जन आरोग्य" के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मा• सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए "पोर्न साइटों को तथा नशे (शराब/वियर व अन्य नशे) के कारखानों को बन्द करें तथा देश में पूर्ण नशाबन्दी लागॣ करें।
अन्यथा
देश के मासूम लोगों को सपने दिखाकर धोखा देना बन्द करें।"
सरकार द्वारा एक तरफ नशे के कारखानों को अनुदान और दूसरी तरफ "चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों की रक्षा तथा आयुष्मान भारत और जन आरोग्य" की बात करना प्रधानमंत्री- मोदी के मुँह से अच्छी नहीं लगती क्योंकि,
"विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 2.6 लाख भारतीयों की मौत शराब के कारण हो रही है।"
सरकार मौत बेचना बन्द करे और देश में पूर्ण नशाबन्दी लागॣ करे।
विश्व स्तरीय अनुसंधानकर्ता भी बता रहे हैं कि थोड़ी भी शराब शरीर के लिए हानिकारक है।
ज्ञातव्य हो कि एक दिन पहले ही "प्रधानमंत्री- मोदी द्वारा नई दिल्ली में पुनरुत्थान के लिए शिक्षा पर अकादमिक नेतृत्व से संवबंधित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा गया कि जब कोई पुनरुत्थान या पुनर्जागरण की बात सोचता है तो पहली छवि जो उसके मस्तिष्क में आती है, वह स्वामी विवेकानंद की होती है जिन्होंने विश्व के समक्ष भारतीय सोच की ताकत को प्रदर्शित किया।
प्रधानमंत्री ने शिक्षा के तत्वों के रूप में आत्म निर्भरता, चरित्र निर्माण एवं मानवीय मूल्यों पर स्वामी विवेकानंद द्वारा बल दिए जाने का स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज नवाचार शिक्षा का एक अन्य अहम तत्व बन गया है।
प्राचीन ग्रंथों, वेदों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बिना ज्ञान के अपने समाज, अपने देश यहां तक कि अपने जीवन की भी कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि तक्षशिला......।"
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