हाईवे पर भी हिचकोलेः लखनऊ-कानपुर के बीच राजमार्ग भी खुले गड्ढों से हर कदम मौत से सामना
योगी का गड्ढा मुक्त सड़क की एक झलक:
उन्नाव: टोल रोड पर उम्मीद तो सुहाने सफर की होती है पर कानपुर-लखनऊ हाईवे पर इसकी उम्मीद करना फिजूल है। हाईवे पर सफर भले गहरे गड्ढों से बचते, गिरते करना पड़े पर टोल तो पूरा ही चुकाना होता। कानपुर से लखनऊ के बीच का सफर वैसे तो डेढ़ घंटे तक में पूरा हो जाता, पर इन दिनों हालात जुदा है। डेढ़ घंटे में लखनऊ पहुंचने का सोच कर निकले हैं तो आप गफलत में है। सफर पांच घंटे में भी सलामती से पूरा हो जाए तो गनीमत है। दो महानगरों को जोडऩे वाले हाईवे की 82 किमी लंबी टोल रोड पर कदम कदम पर गड्ढ़े हैं पर वाहन चालकों को उस पर सफर करने के लिए टोल पूरा चुकाना पड़ रहा है।
हाईवे की हालत पर एक नजर
नाम-एनएच-25
लंबाई-82 किमी.
टोल प्लाजा-एक नवाबगंज में
मुख्य देखरेख- एनएचएआइ लखनऊ खंड व आंशिक कानपुर खंड
मार्ग की देखरेख- पीएनसी प्राइïवेट लि.
गड्ढों की स्थिति- कानपुर-लखनऊ लेन पर हर 5 से 8 मीटर में एक गड्ढा।
वैध कट-18
अवैध कट-67 उन्नाव (सीमा में)
सड़क पर छोटी-छोटी तलैया जैसी
हाईवे की दुर्दशा को देखने के लिए जागरण टीम दोपहर जाजमऊ पुल से आगे बढ़ी तो ओवरलोडिंग से हाईवे पर बनी रेख (बैलगाड़ी गुजरने का रास्ता) में भरे पानी से कार ने हिचकोले लिए तो पैर खुद ब खुद ब्रेक पर जम गए। किसी तरह रेंगते हुए आगे बढ़े। करीब 100 मीटर चलने के बाद रफ्तार बढ़ाई ही थी कि पानी में डूबे गड्ढों में फंसकर कार उछली तो फिर रफ्तार कर करके ब्रेक लेते हुए किसी तरह से त्रिभुवनखेड़ा तक का सफर पूरा हो पाया। वहां से आगे बढ़े तो सड़क पर छोटी सी तलैया सी नजर आई पहले से सर्तक होने से स्टेयरिंग पर हाथ कस कर ब्रेक ली, गनीमत रही कि कोई वाहन पीछे नही था, वरना ठोंक देता। आजाद मार्ग चौराहा से कुछ पहले एक बार फिर बड़े गड्ढे ने स्वागत किया, त्रिभुवनखेड़ा का झटका याद था इससे संभल गया। गहिरा गांव की तरफ बढऩे पर छोटे छोटे बेशुमार पानी से लबालब गड्ढे मिले। शेखपुर, गदनखेड़ा बाइपास, हुसैननगर ऐसी ही मुश्किलों में क्रास हुआ। दही चौकी फैक्ट्री एरिया में गड्ढे ऐसे थे कि जरा चूके नहीं कि टायर फटा नहीं। सोनिक, वसीरतगंज से बिचपरी तक ऐसा ही नजारा था।
(साभार- जे.एन.एन. & edited)
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