जेट पर बैंक-सरकार की नजर
मुम्बई: देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जेट एयरवेज के कर्ज को निगरानी सूची में रखा है, वहीं नागरिक उड्डïयन मंत्रालय ने कहा कि विमानन कंपनी द्वारा पहली तिमाही के नतीजों को गुरुवार को टाले जाने के बाद से वह स्थिति पर नजर रख रहा है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (बोर्ड) भी नतीजों को टाले जाने के मामलेे को देख रहा है। सेबी जेट द्वारा खुलासा नियमों और कारोबारी प्रशासन नियमों में संभावित चूक को लेकर भी चिंतित है। इस मामले में सेबी स्टॉक एक्सचेंजों के भी संपर्क में है।
इस बीच, जेट संयुक्त अरब अमीरात की विमानन कंपनी एतिहाद से भी 15 करोड़ डॉलर का कर्ज जुटाने का प्रयास कर रही है। एतिहाद की जेट में 24 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे पहले भी एतिहाद ने जेट कको पश्चिम एशिया के वित्तीय संस्थानों से कर्ज जुटाने में मदद की थी। मामले के जानकार एक सूत्र ने कहा कि इस बारे में दोनों कंपनियों के बीच बात चल रही है लेकिन एतिहाद से कर्ज मिलना कठिन होगा क्योंकि वह खुद वित्तीय समस्याओं से जूझ रही है।
जेट ने अपने बयान में कहा, ‘अल्पांश शेयरधारक के तौर एतिहाद जेट एयरवेज के बोर्ड, प्रवर्तक और प्रबंधन टीम के साथ रचानात्मक तरीके से काम कर रही है।’ जेट के प्रवक्ता ने कहा कि अन्य संगठनों की तरह जेट एयरवेज भी वित्तीय संभावनाओं का मूल्यांकन कर रही है और घरेलू तथा विदेशी बैंकों से इस बारे में बातचीत कर रही है।
अपने बचाव में जेट एयरवेज ने कहा कि प्रबंधन ने ऑडिट समिति से खातों को अंतिम रूप देने के लिए कुछ और समय देने की मांग की थी, जिसकी अनुमति मिल गई है। उसके बाद प्रबंधन को लेखा समिति के समक्ष अंकेक्षित खाते प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
विमानन कंपनी ने यह भी कहा कि उसके स्वतंत्र निदेशक एस विश्वनाथन का कार्यकाल 9 अगस्त को खत्म हो गया। विश्वनाथन लेखा समिति के चेयरमैन भी थे। ऑडिटरों के साथ खातों की योग्यता को लेकर किसी तरह के मतभेद की चिंता से विमानन कंपनी ने स्पष्टï तौर पर इनकार किया। कंपनी की सांविधिक ऑडिटर में से एक बीएसआर ऐंड कंपनी ने ग्राहक की गोपनीयता पहलुओं का हवाला देते हुए इस मामले में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार और नागरिक उड्डïयन सचिव आर एन चौबे द्वारा विमानन कंपनी की वित्तीय स्थिति पर चिंता जाताए जाने के बाद जेट एयरवेज का शेयर 8.4 फीसदी की गिरावट पर बंद हुआ। एसबीआई के जून तिमाही के नतीजों को जारी करने के बाद कुमार ने कहा, ‘जेट एयरवेज को हमने कर्ज दिया हुआ है।’
हालांकि उन्होंने कर्ज की स्थिति के बारे में स्पष्टï तौर कुछ नहीं बताया। उन्होंने इतना भर कहा, ‘जेट हमारी निगरानी सूची, विशेष उल्लेख वाला खाता 1 (पुनर्भुगतान 30 से 60 दिन का बकाया) और खाता 2 (पुनर्भुगतान 50 से 90 दिन का बकाया) सूची में है।’
इस बीच, चौबे ने कहा कि सरकार की नजर विमानन कंपनी के घटनाक्रम पर है। उन्होंने कहा, ‘जेट ने हमसे संपर्क नहीं किया है। हालांकि वे संपर्क करने के लिए बाध्य नहीं हैं लेकिन जब विमानन कंपनियां मुश्किल में फंसती हैं तो आमतौर पर मंत्रालय से संपर्क करती हैं। इस मामले में नागरिक उड्डïयन महानिदेशालय भी नजर रख रहा है।’
बाजार हिस्सेदारी के लिहजा से देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज पिछले कुछ समय से संकट से जूझ रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ताजा ऋण देने से परहेज कर रहे हैं और विभिन्न वजहों से दबाव में बता रहे हैं। मार्च अंत तक जेट एयरवेज पर 81.5 अरब रुपये का कर्ज था और चालू वित्त वर्ष में उसे 31.20 अरब रुपये का पुनर्भुगतान करना है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अगले 12 महीने में जेट एयरवेज द्वारा अपनी देनदारियों के भुगतान में चूक करने की आशंका अक्टूबर 2015 के बाद से सबसे अधिक है। शेयर कीमतों में गिरावट, भारी कर्ज और नकदी प्रवाह को देखते हुए ऐसी आशंका जताई जा रही है। नतीजों को टाले जाने के बारे में पूछे जाने पर जेट ने कहा कि लेखा समिति ने प्रबंधन को खातों को अंतिम रूप देने की मोहलत दी है।
कंपनी ने कहा, ‘बोर्ड बैठक में लेखा समिति के चेयरमैन ने बोर्ड सदस्यों को सूचित किया था कि प्रबंधन को खातों को अंतिम रूप देने के लिए और समय की जरूरत है और जब खाते तैयार हो जाएंगे तो उसे लेखा समिति से मंजूर की जाएगी और फिर बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति जताई है।’
(साभार- बी.एस.)
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