ट्रेन का संचालन करने में नाकाम रेल ने की यात्री रेलों में डिस्प्ले बोर्ड और उदघोषणा-मशीनों की स्थापना
- ऐसा लगता है कि, मंत्री हो या अधिकारी किसी को भी रेल यात्रियों के समय से पहुँचाने के लिए समय से रेल चलने पर ध्यान की आवश्यकता महसूस ही नहीं होती और वे आये दिन नयी योजनाओं के माध्यम से जनता के खून- पसीने की कमाई को लूटने में लगे हैं.क्योंकि योजनाएं होगीं तो ट्रेड वर्किंग होगी और ट्रेड वर्किंग होगी तो कमिसन मिलेगा.
नयी दिल्ली: आज जहां एक तरफ रेलवे बोर्ड ट्रेनों का संचालन ठीक से नहीं कर पा रहा है वहीँ केंद्रीय रेल राज्य मंत्री- राजेन गोहेन ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि, 'ईएमयू और हमसफर, तेजस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेनों में डिस्प्ले बोर्ड और जन उदघोषणा प्रणाली की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अनुभूति कोच में एलसीडी स्क्रीन पर जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली की व्यवस्था की गई है। कोच में एलसीडी स्क्रीन छत से टंगे रहेंगे। एलसीडी स्क्रीन पर आने वाले स्टेशनों, गंतव्य स्टेशन, ट्रेन की अद्यतन स्थिति तथा सुरक्षा संबंधी जानकारियां उपलब्ध होंगी।
वर्तमान में राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में अगले स्टेशन की सूचना दी जाती है। इस प्रणाली का उपयोग वाद्य यंत्र आधारित संगीत तथा ताजा समाचारों के लिए भी किया जा रहा है।
भारतीय रेल के नए कोचों में दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए एकीकृत ब्रेल संकेत की व्यवस्था की गई है। हाल ही में आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन), लखनऊ ने एसएचबी कोचों में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली का परीक्षण किया है।"
इससे ऐसा लगता है कि, मंत्री हो या अधिकारी किसी को भी रेल यात्रियों के समय से पहुँचाने के लिए समय से रेल चलने पर ध्यान की आवश्यकता महसूस ही नहीं होती और वे आये दिन नयी योजनाओं के माध्यम से जनता के खून- पसीने की कमाई को लूटने में लगे हैं.क्योंकि योजनाएं होगीं तो ट्रेड वर्किंग होगी और ट्रेड वर्किंग होगी तो कमिसन मिलेगा.
जय हो भारतीय रेल की.
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