एस्सार पर अवैध गैस खनन का आरोप
नई दिल्ली 15 जुलाई: देश की सबसे बड़ी कोयला बेड मीथेन (सीबीएम) उत्पादक कंपनी एस्सार ऑयल ऐंड गैस एक्सप्लोरेशन ऐंड प्रॉडक्शन पर पश्चिम बंगाल के रानीगंज में अपने लाइसेंस क्षेत्र से बाहर से गैस निकालने का आरोप लगा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक एक स्थानीय ठेकेदार ने इस बारे में सरकार को शिकायत भेजी है। कंपनी पर अपने आवंटित क्षेत्र के बाहर 40 से 50 कुएं खोदने का आरोप है। इस बारे में शिकायतकर्ता ने हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। बाद में इसे कोयला मंत्रालय को भी फॉरवर्ड कर दिया गया क्योंकि यह मामला उससे भी संबंधित है। एक सूत्र ने बताया कि सरकार मामले को देख रही है और इसमें संभावित जांच सहित सभी जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े विवाद की तरह है। रिलायंस पर ओएनजीसी के भंडार से गैस लेने का आरोप लगा था। हालांकि एस्सार के मामले में आसपास का इलाके से गैस निकालने का लाइसेंस किसी को नहीं दिया गया है। हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने कंपनी को उस इलाके में खोदे गए अपने सभी कुओं की जानकारी देने को कहा है। हालांकि एस्सार के प्रवक्ता ने इन आरोपों का खंडन किया है। प्रवक्ता ने ईमेल जवाब में कहा कि रानीगंज पूर्व ब्लॉक में खोदे गए सभी कुएं सरकार द्वारा मंजूर योजना के मुताबिक हैं। कंपनी को करीब 500 वर्ग किमी क्षेत्र में गैस निकालने की अनुमति दी गई है।
अभी कंपनी के पास 5 ब्लॉकों से सीबीएम निकालने का लाइसेंस है। इनमें पश्चिम बंगाल में रानीगंज, ओडिशा में तालचेर और ईब वैली, मध्य प्रदेश में सुहागपुर और झारखंड में राजमहल शामिल हैं। रानीगंज में एस्सार ने बुनियादी ढांचे के विकास और कुएं खोदने पर 40 अरब रुपये से अधिक का निवेश किया है। ठेकेदार कंपनी पी एम एंटरप्राइज ने एस्सार के खिलाफ शिकायत की है। उसका कहना है कि एस्सार आसपास के गांवों में कुओं की अवैध खुदाई कर रही है और जानबूझकर सुरक्षा एवं पर्यावरणीय नियमों की उल्लंघन की रही है। अलबत्ता सरकार के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिस इलाके के बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं, एस्सार ऑयल ने वहां अपने लाइसेंस का विस्तार करने के लिए आवेदन किया है। कंपनी के साथ अनुबंध में इसका प्रावधान किया गया है। अभी कंपनी के आवेदन पर विचार चल रहा है। इस बारे में पूछने पर पीएम एंटरप्राइज के एक अधिकारी ने कहा कि वह अपनी शिकायत पर कायम हैं। एस्सार की अवैध गतिविधि के बारे में पेट्रोलियम मंत्रालय और सीतारामुपर डिविजन के खदान निदेशक को बताया गया था।
(साभार- बी.एस.)
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